किसी विलयन में उपस्थित किसी अवयव (विलायक या विलेय) के मोलों की संख्या तथा विलयन में उपस्थित कुल मोलों की संख्या के अनुपात को मोल प्रभाज कहते हैं। यदि विलेय के मोलों की संख्या n व विलायक के मोलों की संख्या N हो, तो
विलेय का मोल प्रभाज \(=\frac {n}{n+N}\)
विलायक का मोल प्रभाज \(= \frac {N}{n + N}\)