"उदकं हि नयन्ति नेत्तिका, उसुकारा नमयन्ति तेजनं।" इस गाथा-अंश का अनुवाद है
(A) पानी ले आते हैं, आँख धोते हैं, सूर्य के तेज के आगे नमन करते हैं।
(B) नहर वाले पानी ले जाते हैं, वाण बनाने वाले वाण को सीधा करते हैं।
(C) नेतृत्व करने वाले के लिए पानी ढोते हैं, वाण बनाने वाले उसे टेढ़ा करते हैं।
(D) उपर्युक्त में से एक से अधिक
(E) उपर्युक्त में से कोई नहीं