निम्नांकित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर दें :
जहाँ नारी का सम्मान होता है वहाँ देवताओं का निवास होता है, यानि वहाँ सुख-समृद्धि शांति होती है। यह बात प्राचीन काल में मनुस्मृति में कही गई थी। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि उस समय नारी का सम्मान नहीं होता था, नारी को सम्मान देने के लिये उक्त बातें कही गई। बल्कि यह बात अनुभव से कही गई थी। प्राचीन काल में हमारे समाज में नारी का सम्मान होता था। गार्गी, मैत्रेयी, गौतमी, अपाला आदि प्राचीन काल की प्रतिष्ठित नारियां हैं। प्राचीन काल से ही नारियाँ हमारे देश में पुरुष के बराबर बैठती रही हैं और समाज के निर्माण कार्यों में अपना योगदान देती रही हैं। किन्तु मध्यकाल आते आते विदेशी आक्रमण हुए जिससे पूरी समाज व्यवस्था बदल गई। ऐसे में नारी के प्रति लोगों की दृष्टि भी बदल गई, तब नारी की सीमाएँ सिमट कर चार दीवारी तक रह गई। मातृ सत्तात्मक समाज पितृ सत्तात्मक बन गया। आज हमें नारियों के ऊपर ध्यान देने की आवश्यकता है। सरकार ने नारी सम्मान के लिये बराबर का अधिकार प्रदान किया है जिसके परिणाम स्वरूप नारी पुरुषों से आगे बढ़कर काम कर रही है।
(क) उपर्युक्त गद्यांश को एक समुचित शीर्षक दें।
(ख) मनु स्मृति में क्या कही गई है?
(ग) प्राचीन काल में नारियों को सम्मानीय स्थान प्राप्त था, कैसे?
(घ) मध्यकाल में नारियों को चार दीवारी में क्यों सिमटना पड़ा?
(ङ) मातृ सत्तात्मक समाज कब था?
(च) क्या आज नारियों का समाज में सम्मान है?