ग्रामीण आबादी का बहुत बड़ा हिस्सा कृषिजन्य आर्थिक क्रियाकलापों से जुड़ा रहता है। खेती इनकी आजीविका का मुख्य साधन है। कृषि के साथ पशुपालन पर भी ध्यान दिया जाता है। साथ ही, गाँवों में अनेक लघु एवं कुटीर उद्योग तथा शिल्पकलाओं में भी लोग संलग्न रहते हैं जिससे स्थानीय आवश्यकताओं की पूर्ति होती है।