प्रकृति में पादप और जंतुओं में जीन का स्थानांतरण जीवाणुओं और विषाणुओं द्वारा होता है, जैसे एग्रोबैक्टीरियम ट्यूमीफेसिएंस (Agrobacterium tumefaciens) तथा रिट्रोवाइरस। एग्रोबैक्टीरियम ट्यूमीफेशिएंस द्विबीजपत्री पौधों का एक रोगजनक पैथोजन (pathogen) है । यह पौधों की जड़ों में ट्यूमर बनाता है। ट्यूमर बनाने की क्षमता बैक्टीरियम में स्थित Ti प्लाज्मिड के कारण होती है। यह Ti प्लाज्मिड जब द्विबीजपत्री पौधे की जड़ों के न्यूक्लीयर जीनोम में प्रविष्ट कर जाता है तब सामान्य कोशिकाओं को ट्यूमर में रूपांतरित करता है। Ti प्लाज्मिड में T-DNA होता है। यह T-DNA रूपांतरित कोशिकाओं में हॉरमोनल अस्थिरता पैदा करती हैं । Tumour कोशिकाएँ अत्यधिक मात्रा में कुछ रसायनों का उत्पादन करते हैं जिन्हें ओपाइन्स कहा जाता है। Ti प्लाज्मिड विजातीय जीन के स्थानांतरण में संवाहक का कार्य करते हैं। एग्रोबैक्टीरियम को संवाहक के रूप में प्रयुक्त कर कीटरोधी तथा हर्बीसाइडरोधी जीन को सफलतापूर्वक आर्थिक महत्व के पौधों, जैसे सूर्यमुखी, तंबाकू, आलू आदि में स्थानांतरित किया गया है।