Use app×
QUIZARD
QUIZARD
JEE MAIN 2026 Crash Course
NEET 2026 Crash Course
CLASS 12 FOUNDATION COURSE
CLASS 10 FOUNDATION COURSE
CLASS 9 FOUNDATION COURSE
CLASS 8 FOUNDATION COURSE
0 votes
138 views
in Physics by (60.5k points)
closed by

दिष्ट धारा की तुलना में प्रत्यावर्ती धारा की एक विशेषता एवं एक दोष लिखिए।

शुद्ध प्रेरकत्व युक्त प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में निम्नलिखित के लिए व्यंजक ज्ञात कीजिए।

(i) धारा का तात्क्षणिक मान

(ii) परिपथ का प्रतिघात

(iii) धारा का शिखर मान शुद्ध प्रेरकत्व परिपथ के लिए शक्ति आरेख बनाइये।

1 Answer

+1 vote
by (63.8k points)
selected by
 
Best answer

प्रत्यावर्ती धारा का वर्ग माध्य मूल मान (Root Mean Square Value of Alter - nating Current)

“एक पूरे चक्र के लिए प्रत्यावर्ती धारा के वर्ग के औसत मान के वर्गमूल को ही धारा का वर्ग माध्य मूल मान (r.m.s. value) कहते हैं।" इसे Irms से व्यक्त करते हैं। यदि पूरे चक्र में विभिन्न n समयों पर धारा के मान क्रमश: I1, I2, I3, ..... In हों (चित्र), तो प्रत्यावर्ती धारा का वर्ग माध्य मूल मान

प्रत्यावर्ती धारा

प्रत्यावर्ती धारा का समी.

I = Im sin ωt

∵ ωt = θ

∴ I = Im sinθ

अतः वर्ग माध्य मूल मान (root mean square value) की परिभाषानुसार,

प्रत्यावर्ती धारा

क्योंकि पूरे चक्र (for full cycle) के लिए ज्या एवं कोज्या फलन का समाकलन शून्य होता है।

ज्या एवं कोज्या

प्रत्यावर्ती धारा केवल ऊष्मीय प्रभाव (heating effect) प्रदर्शित करती है, क्योंकि ऊष्मीय प्रभाव धारा के वर्ग पर निर्भर करता है। यदि प्रतिरोध R में प्रत्यावर्ती धारा बह रही है तो ऊष्मा उत्पन्न होने की दर

P = i2

हम जानते हैं कि प्रत्यावर्ती धारा का मान आवर्त रूप (altemating) से बदलता रहता है, अत: ऊष्मा उत्पन्न होने की दर भी बदलती रहेगी। धारा के एक पूरे चक्र में ऊष्मा उत्पन्न होने की दर

\(\overline P = \overline {I_2} R\)

यहाँ i^2 धारा के वर्ग i का एक पूरे चक्र के लिए औसत मान है।

∴ \(\overline {i^2 }\) = (Irms)2

अतः \(\overline P = \) (Irms)2.R ..........(4)

समीकरण (4) से स्पष्ट है कि यदि प्रतिरोध R में Irms प्रबलता की दिष्ट धारा प्रवाहित करें तब भी ऊष्मा उत्पन्न होने की दर (Irms)2 R ही होगी। अतः, "प्रत्यावर्ती धारा का वर्ग माध्य मूल मान स्थिर मान (constant value) की उस दिष्ट धारा (direct current) के मान के तुल्य है जो किसी प्रतिरोध में उसी दर से ऊष्मा उत्पन्न करती है जिस दर से वह प्रत्यावर्ती धारा उत्पन्न करती है।" इसीलिए प्रत्यावर्ती धारा के वर्ग माध्य मूल मान (Irms) को धारा का 'प्रभावी मान' (Effective value) अथवा 'आभासी मान' (Virtual value) भी कहते हैं।

इसी प्रकार "प्रत्यावर्ती वोल्टेज का वर्ग माध्य मान उस दिष्ट वोल्टेज (direct voltage) के उस मान के बराबर है जो किसी प्रतिरोध के सिरों पर लगाने पर उसी दर से ऊष्मा उत्पन्न करता है जिस दर से उसी प्रतिरोध के सिरों पर वह प्रत्यावर्ती वोल्टेज लगाने पर उत्पन्न होती है।" धारा की भाँति ही Vrms को प्रत्यावर्ती वोल्टेज का प्रभावी मान (effective value) अथवा आभासी मान कहते हैं।

विशेष तथ्य: Irms व I0 के अनुपात को फॉर्म गुणक (form factor) कहते हैं। प्रत्यावर्ती धारा के लिए यह अनुपात 1.11 है।

Related questions

Welcome to Sarthaks eConnect: A unique platform where students can interact with teachers/experts/students to get solutions to their queries. Students (upto class 10+2) preparing for All Government Exams, CBSE Board Exam, ICSE Board Exam, State Board Exam, JEE (Mains+Advance) and NEET can ask questions from any subject and get quick answers by subject teachers/ experts/mentors/students.

Categories

...