(i) होमोलेप्टिक संकुल (Homoleptic Complex): ऐसे संकुल जिनमें धातु परमाणु केवल एक प्रकार के दाता समूह से जुड़े रहते हैं। होमोलेप्टिक संकुल कहलाते हैं। उदाहरण: [CO(NH3)6]3+
(ii) हेटूोलेप्टिक संकुल (Heteroleptic Complex): ऐसे संकुल जिनमें धातु परमाणु एक से अधिक प्रकार के दाता समूहों से जुड़े रहते हैं, हेट्रोलेप्टिक संकुल कहलाते हैं। उदाहरण: [CO(NH3)4Cl2]+
(iii) कीलेट लिगैण्ड (Chelate Ligand): जब एक द्विदंतुक अथवा बहुदंतुक धातु परमाणु/आयन से अपने दो या दो से अधिक दाता परमाणुओं का प्रयोग उपसहसंयोजक बन्ध के किये करता है तो एक वलय प्राप्त होती है जिसे कीलेट वलय और लिगैण्ड को कोलेट लिगैण्ड कहते हैं।
उदाहरण: एथिलीन डाइएमीन (en), ऑक्सलेटो आयन (ox) आदि।
(iv) कैंसर उपचार में प्रयुक्त संकुल: [Pt(NH3)2]Cl2 संकुल यौगिक को समपस-प्लैटिन (Cis-platin) कहते हैं। यह एंटी ट्यूमर कर्मक के रूप में कैंसर के उपचार में काम आता है।