मानव विकास प्रतिवेदन 2018 के अनुसार, अर्जित मानव विकास सूचकांक मूल्य के आधार पर विश्व के देशों को निम्नलिखित चार वर्गों में रखा गया है
1. अति उच्च सूचकांक मूल्य वाले देश
2. उच्च सूचकांक मूल्य वाले देश
3. मध्यम सूचकांक मूल्य वाले देश
4. निम्न सूचकांक मूल्य वाले देश।
मानव विकास संवर्ग, स्कोर तथा देशों की संख्या
मानव विकास का स्तर |
मानव विकास सूचकांक का स्कोर |
देशों की संख्या |
अति उच्च |
0.8 से अधिक |
59 |
उच्च |
0 - 701- 0.799 के बीच |
53 |
मध्यम |
0 - 550 से 0 - 700 के बीच |
39 |
निम्न |
0.549 से कम |
38 |
(1) अति उच्च सूचकांक मूल्य वाले देश: इस वर्ग में विश्व के वे 59 देश सम्मिलित हैं जिनमें मानव विकास सूचकांक का मूल्य 0.8 से अधिक मिलता है। दी गई निम्न तालिका में विश्व में मानव विकास सूचकांक का सर्वोच्च मूल्य रखने वाले 10 देशों को अवरोही क्रम में प्रदर्शित किया गया है।
देश |
एच.डी.आई.मूल्य |
नॉर्वे |
0.953 |
स्विट्जरलैण्ड |
0.944 |
ऑस्ट्रेलिया |
0.939 |
आयरलैण्ड |
0.938 |
जर्मनी |
0.936 |
आइसलैण्ड |
0.935 |
हाँगकाँग |
0.933 |
स्वीडन |
0.933 |
सिंगापुर |
0.932 |
नीदरलैण्ड |
0.931 |
(2) उच्च सूचकांक मूल्य वाले देश: उच्च सूचकांक मूल्य रखने वाले विश्व के 53 देशों द्वारा अपने यहाँ की जनता को शिक्षा तथा स्वास्थ्य सेवाओं को उपलब्ध कराना सरकार की उच्च प्राथमिकता है। इन देशों में सामाजिक क्षेत्र के विकास के लिए सरकार द्वारा पर्याप्त धनराशि व्यय की गई है।
(3) मध्यम सूचकांक मूल्य वाले देश: इस वर्ग में विश्व के 39 देश सम्मिलित हैं जिनमें मानव विकास सूचकांक का मूल्य 0-550 से 0.700 के मध्य मिलता है। इस वर्ग के देशों में उच्च सूचकांक मूल्य वाले देशों की तुलना में सामाजिक भेदभाव अधिक पाया जाता है। यद्यपि इनमें से अनेक देश अधिक लोकोन्मुखी नीतियों को अपनाकर तथा सामाजिक भेदभाव को दूर करके अपने मानव विकास सूचकांक मूल्य में सुधार करने के लिए प्रयासरत हैं। वहीं दूसरी ओर इस वर्ग के अनेक देश ऐसे भी हैं जिनमें राजनैतिक अस्थिरता तथा सामाजिक विद्रोह की स्थितियाँ प्रभावी हैं।
(4) निम्न सूचकांक मूल्य वाले देश: इस वर्ग में विश्व के 38 देश सम्मिलित हैं जिनमें मानव विकास सूचकांक का मूल्य 0.549 से कम मिलता है। इनमें से अधिकांश देश राजनैतिक अस्थिरता, गृहयुद्ध, सामाजिक अस्थिरता, अकाल तथा विभिन्न बीमारियों के प्रकोप से ग्रसित हैं। इस वर्ग के देशों में सामाजिक क्षेत्र की तुलना में प्रतिरक्षा पर अधिक व्यय किया जाता है। इसी कारण इन देशों में त्वरित आर्थिक विकास प्रारम्भ नहीं हो पाया है।