(i) लेटिन अमेरिकन इंटीग्रेशन एसोसियेशन (Latin American Integration Association - LAIA): सन् 1960 में स्थापित इस व्यापारिक समूह में 10 लेटिन अमेरिकी राष्ट्रों - अर्जेन्टाइना, बोलीविया, ब्राजील, कोलंबिया, इक्वाडोर, मैक्सिको, पराग्वे, पेरू, उरूग्वे तथा वेनेजुएला को शामिल किया जाता है। इस व्यापारिक समूह का मुख्यालय उरूग्वे देश के मॉण्टेविडियो नगर में है। इस प्रादेशिक व्यापारिक समूह का मुख्य उद्देश्य दक्षिण अमेरिकी देशों के मध्य परस्पर व्यापार को बढ़ावा देना है।
(ii) नाफ्टा या नॉर्थ अमेरिकन फ्री ट्रेड एसोसियेशन (North American Free Trade Association - NAFTA): इस व्यापारिक संघ का गठन सन् 1988 में विश्व के दो बड़े व्यापारिक सहयोगियों संयुक्त राज्य अमेरिका एवं कनाडा के मध्य व्यापारिक प्रतिबंधों को समाप्त करने के लिए किया गया। सन् 1994 में इस व्यापार समूह का विस्तार किया गया तथा मैक्सिको को भी इसका सदस्य बनाया गया। अब इस संघ में लैटिन अमेरिकी देशों को भी सम्मिलित कर लिया गया है। कृषि उत्पाद, मोटर गाड़ियाँ, स्वचालित पुर्जे, कम्प्यूटर तथा वस्त्र इस व्यापारिक संघ की महत्त्वपूर्ण व्यापारिक वस्तुएँ हैं।
(iii) ओपेक या तेल निर्यातक राष्ट्रों का संगठन (Organization of Petroleum Exporting Countries OPEC): सन् 1949 में स्थापित तेल निर्यातक राष्ट्रों के संगठन में सदस्य देश - अल्जीरिया, इंडोनेशिया, ईरान, इराक, कुवैत, लीबिया, नाइजीरिया, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात तथा वेनेजुएला हैं। यह संगठन खनिज तेल की नीतियों के समन्वय तथा एकीकरण के उद्देश्य से निर्मित किया गया था। अशोधित खनिज तेल इस संगठन का एकमात्र निर्यात किए जाने वाला उत्पाद है।
(iv) साफ्टा या साउथ एशियन फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (South Asian Free Trade Agreement - SAFTA): दक्षिणी एशिया के बांग्लादेश, मालदीव, भूटान, नेपाल, भारत, पाकिस्तान तथा श्रीलंका नामक देशों के इस व्यापारिक संगठन की स्थापना जनवरी 2006 में की गयी थी। इस संगठन का प्रमुख उद्देश्य अंतर - प्रादेशिक व्यापार के करों को कम करना है।