परती भूमि: एक ही खेत पर लम्बे समय तक लगातार फसलें उगाने से मृदा के पोषक तत्व समाप्त हो जाते हैं। मृदा की उपजाऊ शक्ति को पुनः प्राप्त करने के लिए भूमि को एक कृषि वर्ष बिना कृषि किए खाली छोड़ दिया जाता है। इस भूमि को परती भूमि कहते हैं। इस विधि से भूमि की क्षीण उर्वरता प्राकृतिक रूप से वापस आ जाती है। परती भूमि में उर्वरकों के अधिक उपयोग से परती भूमि की अवधि को घटाया जा सकता है।