Use app×
QUIZARD
QUIZARD
JEE MAIN 2026 Crash Course
NEET 2026 Crash Course
CLASS 12 FOUNDATION COURSE
CLASS 10 FOUNDATION COURSE
CLASS 9 FOUNDATION COURSE
CLASS 8 FOUNDATION COURSE
0 votes
101 views
in Geography by (66.4k points)
closed by

भारत में चावल के उत्पादन की आवश्यक भौगोलिक दशाओं के साथ-साथ इसके उत्पादन एवं वितरण का वर्णन कीजिए।

1 Answer

+1 vote
by (68.0k points)
selected by
 
Best answer

चावल भारत की एक महत्त्वपूर्ण खाद्यान्न फसल है। देश की अधिकांश जनसंख्या का मुख्य भोजन चावल है। विश्व के चावल उत्पादक राष्ट्रों में भारत का चीन के बाद दूसरा स्थान है। भारत में विश्व का लगभग 21.6 प्रतिशत चावल उत्पादित होता है। देश के कुल बोये गये क्षेत्र के लगभग एक - चौथाई भाग पर चावल की कृषि की जाती है। आवश्यक भौगोलिक दशाएँ चावल एक उष्ण आई कटिबन्धीय फसल है। इसकी लगभग 3000 से भी अधिक किस्में हैं जो विभिन्न कृषि जलवायु प्रदेशों में उगाई जाती हैं।

इसकी कृषि के लिए आवश्यक भौगोलिक दशाएँ निम्नलिखित हैं:

(i) तापमान: चावल की कृषि के लिए कम से कम 20° सेण्टीग्रेड तापमान होना चाहिए। इसे बोते समय 20° सेण्टीग्रेड तथा फसल पकते समय 27° सेन्टीग्रेड तापमान की आवश्यकता होती है।

(ii) वर्षा: चावल की कृषि के लिए अधिक पानी की आवश्यकता होती है। सामान्यतया 100 से 200 सेमी. वार्षिक वर्षा वाले क्षेत्रों में इसकी कृषि की जाती है। 100 सेमी. से कम वार्षिक वर्षा वाले क्षेत्रों में सिंचाई की सहायता से चावल की कृषि की जाती है।

(iii) मृदा: चावल की कृषि के लिए बहुत उपजाऊ मिट्टी की आवश्यकता होती है। इसके लिए चिकनी दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है क्योंकि यह मिट्टी अधिक समय तक आर्द्रता धारण कर सकती है। नदियों द्वारा लायी गई जलोढ़ मिट्टी में चावल का पौधा अधिक अच्छे ढंग से विकसित होता है।

(iv) धरातल: चावल की कृषि के लिए समतल मैदानी भाग अनुकूल होते हैं ताकि वर्षा अथवा सिंचाई द्वारा प्राप्त जल पर्याप्त समय तक खेतों में रह सके। पहाड़ी क्षेत्रों में चावल की कृषि ढालों पर सीढ़ीदार खेत बनाकर की जाती है।

(v) श्रम: चावल की कृषि में मशीनों से काम नहीं लिया जा सकता इसलिए इसकी कृषि के लिए अधिक श्रम की आवश्यकता होती है।

उत्पादन एवं वितरण: भारत में चावल की कृषि समुद्र तल से 200 मीटर की ऊँचाई तक एवं पूर्वी भारत के आर्द्र प्रदेशों से लेकर उत्तर - पश्चिमी भारत के शुष्क परन्तु सिंचित क्षेत्र पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश व उत्तरी राजस्थान में सफलतापूर्वक की जाती है।

पश्चिमी भारत के शुष्क परन्तु सिंचित क्षेत्र पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश व उत्तरी राजस्थान में सफलतापूर्वक की जाती है।

सन् 2014 - 15 में देश के प्रमुख चावल उत्पादक राज्यों में पश्चिम बंगाल, पंजाब, उत्तर प्रदेश, आन्ध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु आदि राज्यों को शामिल किया जाता है। पश्चिम बंगाल राज्य में जलवायु की अनुकूलता के कारण एक कृषि वर्ष में चावल की तीन फसलें (औस, अमन तथा बोरो) उत्पादित की जाती हैं। चावल के प्रति हेक्टेयर उत्पादन की दृष्टि से. पंजाब, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, आन्ध्र प्रदेश तथा केरल भारत के अग्रणी राज्य हैं।

पंजाब तथा हरियाणा के सिंचित क्षेत्रों में हरित क्रान्ति के अन्तर्गत चावल की कृषि सन् 1970 से प्रारम्भ की गई। उत्तम किस्म के बीजों, पर्याप्त रासायनिक उर्वरकों व कीटनाशकों के उपयोग तथा शुष्क जलवायु के कारण चावल की फसल के रोग प्रतिरोधी होने के कारण पंजाब तथा हरियाणा में चावल की प्रति हेक्टेयर उपज अधिक है। दूसरी ओर वर्षा पर निर्भर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ व उड़ीसा राज्यों के चावल उत्पादक क्षेत्रों में चावल की प्रति हेक्टेयर उपज बहुत कम मिलती है।

Related questions

Welcome to Sarthaks eConnect: A unique platform where students can interact with teachers/experts/students to get solutions to their queries. Students (upto class 10+2) preparing for All Government Exams, CBSE Board Exam, ICSE Board Exam, State Board Exam, JEE (Mains+Advance) and NEET can ask questions from any subject and get quick answers by subject teachers/ experts/mentors/students.

Categories

...