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भारत के लौह खनिज संसाधनों पर विस्तृत टिप्पणी लिखिए। 

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भारत के लौह खनिज संसाधनों में लौह अयस्क तथा मैंगनीज नामक लौह खनिज प्रमुख रूप से सम्मिलित हैं।

लौह अयस्क लौह अयस्क औद्योगिक विकास का आधार हैं। इन्हें आधुनिक सभ्यता की रीढ़ कहा जा सकता है। यह एक बहुउपयोगी खनिज है। लोहा खानों से शुद्ध धातु के रूप में नहीं निकलता, यह लौह अयस्क के रूप में पाया जाता है। लौह अयस्क संसाधनों की उपलब्धता के दृष्टिकोण से भारत विश्व का एक सम्पन्न देश है। हेमेटाइट तथा मैग्नेटाइट नामक लौह के दो प्रमुख अयस्कों का हमारे देश में प्रमुख रूप से खनन किया जाता है। उच्च गुणवत्ता के कारण इन दोनों अयस्कों की विश्वभर में पर्याप्त माँग रहती है।

संचित भण्डार: एशिया महाद्वीप के विशालतम लौह अयस्क के संचित भण्डार हमारे देश में हैं। देश के लौह अयस्क के कुल संचित भण्डारों का 95 प्रतिशत भाग उड़ीसा, झारखण्ड, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, गोवा, आन्ध्र प्रदेश तथा तमिलनाडु राज्यों में मिलता है।

प्रमुख उत्पादक क्षेत्र: भारत में लौह अयस्क के निम्नलिखित उत्पादक क्षेत्र उल्लेखनीय हैं।

(i) उड़ीसा: उड़ीसा राज्य में सुन्दरगढ़, मयूरभंज तथा झार जिलों में स्थित पहाड़ी श्रृंखलाओं में लौह अयस्क के महत्वपूर्ण जमाव हैं। मयूरभंज जिले में गुरुमहिसानी, सुलाएपत तथा बादामपहाड़, सुन्दरगढ़ जिले में बोनाई तथा केन्दूझर जिले में किरुबुरू लौह अयस्क की महत्वपूर्ण खदानें हैं।

(ii) झारखण्ड राज्य के पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम जिलों में नोआमंडी तथा गुआ खदानें।

(iii) छत्तीसगढ़ राज्य में दुर्ग, दंतेवाड़ा और बस्तर जिलों में उच्च किस्म का लौह अयस्क खनन किया जाता है। बस्तर जिले में बेलाडीला-रावघाट श्रेणी तथा डल्ली व दुर्ग जिले में राजहरा श्रेणी की खदानें देश की महत्त्वपूर्ण लौह अयस्क खदानें हैं।

(iv) कर्नाटक राज्य में बेलारी जिले के संदूर-हास्पेट क्षेत्र तथा चिकमंगलूर जिले की कुद्रेमुख व बाबाबूदन पहाड़ियों की खदानों के अलावा शिमोगा, चित्रदुर्ग व तुमकुर जिलों के कुछ हिस्सों में अवस्थित खदानें।

(v) महाराष्ट्र राज्य में चन्द्रपुर, भण्डारा तथा रत्नागिरि जिले

(vi) आन्ध्र प्रदेश राज्य में करीमनगर, वारांगल, कुरूनूल, कुडप्पा तथा अनन्तपुर जिले।

(vii) तमिलनाडु राज्य के सलेम व नीलगिरी जिले।

(viii) गोआ राज्य में पाले-ओनड़ा, पाले-पिकना क्षेत्र।

भारत में लौह अयस्क के उत्पादक क्षेत्र

मैंगनीज मैंगनीज भारत में खनन किया जाने वाला लौह अयस्क के बाद दूसरा महत्त्वपूर्ण लौह खनिज है। मैंगनीज के निक्षेप प्रमुख रूप से धारवाड़ क्रम की चट्टानों में मिलते हैं। यह मुख्य रूप से अपकर्षण एवं जंगरोधी इस्पात बनाने तथा लोहे व मैंगनीज की मिश्र धातु बनाने के उपयोग में आता है। इसके अतिरिक्त मैंगनीज का उपयोग ब्लीचिंग पाउडर, कीटनाशक दवाइयों, पेंट व बैटरियों के निर्माण में किया जाता है।

प्रमुख उत्पादक क्षेत्र भारत में मैंगनीज उत्पादन की दृष्टि से निम्नलिखित क्षेत्र उल्लेखनीय हैं:

1. उड़ीसा राज्य में बोनाई, केन्दुझर, सुन्दरगढ़, गंगपुर, कोरापुट, कालाहाँडी तथा बोलनगीर जिले।

2. कर्नाटक राज्य में धारवाड़, बेल्लारी, बेलगाम, उत्तरी कनारा, चिकमंगलूर, शिमोगा, चित्रदुर्ग तथा तुमकुर जिले।

3. महाराष्ट्र राज्य में नागपुर, भण्डारा तथा रत्नागिरी जिले।

4. मध्य प्रदेश राज्य में बालाघाट, छिंदवाड़ा, निमाड़, मांडला व झाबुआ जिले। 

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