मुगल सेना के साथ यात्रा
बर्नियर ने कई बार मुगल सेना के साथ यात्राएँ की। यहाँ सेना के कश्मीर कूच के सम्बन्ध में दिये गये विवरण में से एक अंश दिया जा रहा है
इस देश की प्रथा के अनुसार मुझसे दो अच्छे तुर्कमान घोड़े देखने की अपेक्षा की जाती है और मैं अपने साथ एक शक्तिशाली फारसी ऊँट तथा चालक, अपने घोड़े के लिए एक साईस, एक खानसामा तथा एक सेवक जो हाथ में पानी का पात्र लेकर मेरे घोड़े के आगे चलता है, भी रखता हूँ मुझे हर उपयोगी वस्तु दी गयी है; जैसे-औसत आकार का एक तम्बू, एक दरी, चार बहुत कठोर पर हल्के बेंतों से बना एक बिस्तर, एक तकिया, एक बिछौना, भोजन के समय प्रयुक्त गोलाकार चमड़े के मेजपोश, रँगे हुए कपड़ों के कुछ अंगोछे/नैपकिन, खाना बनाने के सामान से भरे तीन छोटे झोले जो सभी एक बड़े झोले में रखे हुए थे और यह झोला भी एक लम्बे-चौड़े तथा सुदृढ़ दुहरे बोरे अथवा चमड़े के पट्टों से बने जाल में रखा है। इसी तरह इस दुहरे बोरे में स्वामी और सेवकों की खाद्य सामग्री कपड़े तथा वस्त्र रखे गये हैं। मैंने ध्यानपूर्वक पाँच या छह दिनों के उपभोग हेतु बढ़िया चावल, सौंफ (एक प्रकार का शाक/पौधा) की सुगन्ध वाली मीठी रोटी, नींबू तथा चीनी का भण्डार रखा है। साथ ही में दही को टाँगने और पानी निकालने के लिए प्रयुक्त छोटे, लोहे के अंकुश वाला झोला लेना भी नहीं भूला हूँ। इस देश में नींबू | के शरबत और दही से अधिक ताज़गी भरी वस्तु कोई नहीं मानी जाती।
1. बर्नियर द्वारा दी गयी सूची में कौन-सी वस्तुएँ हैं जो आप यात्रा में साथ ले जाएंगे।
2. बर्नियर का यह विवरण किस देश से सम्बन्धित है?