राजकीय प्रतिवेदन सरकार की दृष्टि से तैयार किये जाते हैं जो पूरी तरह विश्वसनीय नहीं होते हैं अतः इन्हें सावधानीपूर्वक पढ़ा जाना चाहिए। इनका प्रयोग करने से पहले समाचार-पत्रों, गैर-राजकीय वृत्तान्तों, वैधानिक अभिलेखों एवं मौखिक स्रोतों से संकलित साक्ष्य के साथ इनका मिलान करके इनकी विश्वसनीयता की जाँच की जानी आवश्यक है।