1. इस विवरण के अनुसार गाँव वालों से निपटने में अंग्रेजों को निम्नलिखित मुश्किलों का सामना करना पड़ा
i. अवध के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों ने अपनी संचार व्यवस्था को मजबूत बना रखा था। उन्हें अंग्रेजों के आने की सूचना तुरन्त मिल जाती थी।
ii. अंग्रेजों के आने से पहले ही ग्रामीण अपना स्थान छोड़कर तुरन्त तितर-बितर हो जाते हैं जिससे अंग्रेज उन्हें पकड़ने में असमर्थ थे।
iii. गाँव वालों की संख्या अधिक थी तथा उनके पास बन्दूकें भी थीं।
2. अवध के अधिग्रहण के पश्चात् अंग्रेजों द्वारा ताल्लुकदारों की जमीनें छीन ली गईं, उनकी सेनाएँ भंग कर दी गयीं एवं उनके किले नष्ट कर दिए गए। उनको अनेक तरह से लाचार बना दिया गया जिस कारण ताल्लुकदार ब्रिटिश शासन के विरोधी हो गये।
3. अंग्रेजों ने विद्रोहियों का दमन करने के लिए कई कानून पारित किए तथा उत्तर भारत में 'मार्शल लॉ' लागू किया। कानून और मुकदमों की सामान्य प्रक्रिया को बन्द कर दिया तथा विद्रोह के लिए एक ही सजा 'सजा-ए-मौत' निर्धारित कर दी। उन्होंने विद्रोही जागीरदारों एवं ताल्लुकदारों की जागीरों को जब्त कर लिया।