ब्राइन विलयन (NaCl) के विद्युत अपघटन द्वारा NaOH तथा Cl2 का औद्योगिक उत्पादन किया जाता है। इसमें हाइड्रोजन भी सहउत्पाद के रूप में प्राप्त होती है। विद्युत अपघटन में होने वाली अभिक्रियाएँ निम्नलिखित हैं:
एनोड पर:
2Cl-(aq) → Cl2(g) + 2e-
कैथोड पर:
2H2O(l) + 2e- → H2(g) + 2OH(aq)
कुल अभिक्रिया इस प्रकार होती है:
2Na+(aq) + 2Cl-(aq) + 2H2O (l) → Cl2(g) + H2(g) + 2Na+(aq) + 2OH-(aq)