कैबिनेट मिशन मार्च 1946 ई. में मुस्लिम लीग की पाकिस्तान के निर्माण की माँग का अध्ययन करने एवं स्वतन्त्र भारत के लिए एक उचित राजनीतिक रूपरेखा सुझाने के लिए दिल्ली आया। तीन सदस्यीय इस प्रतिनिधिमण्डल ने लगभग तीन महीने तक भारत का दौरा कर अग्रलिखित सुझाव दिए
1. भारत एक ढीला-ढाला त्रिस्तरीय महासंघ होगा जिसमें भारत एकीकृत रहेगा लेकिन इसकी केन्द्रीय सरकार बहुत कमजोर होगी जिसके पास रक्षा, विदेश एवं संचार का ही विषय होगा।
2. संविधान सभा का चुनाव करते हुए तत्कालीन प्रान्तीय समाजों को तीन भागों में समूहबद्ध किया जाना था; यथा- हिन्दू बहुल प्रान्तों को समूह 'क', पश्चिमोत्तर मुस्लिम बहुल प्रान्तों को समूह 'ख' एवं असम सहित पूर्वोत्तर के मुस्लिम बहुल प्रान्तों को समूह 'ग' में रखा गया था।
3. प्रान्तों के इन खण्डों या समूहों को आपस में मिलाकर क्षेत्रीय इकाइयों का गठन किया जाना था। माध्यमिक स्तर की विधायी एवं कार्यकारी शक्तियाँ ब्रिटिश सरकार ने अपने पास ही रखीं।