अर्थसूत्री विभाजन की मुख्य विशेषताएँ निम्न हैं
- अर्धसूत्री विभाजन के दौरान केन्द्रक व कोशिका विभाजन के दो अनुक्रमिक चक्र सम्पन्न होते हैं, जिसे अर्धसूत्री - I (Meiosis - I) व अर्धसूत्री - II (Meiosis - II) कहते हैं। इस विभाजन में डी.एन.ए. प्रतिकृति का सिर्फ एक चक्र पूर्ण होता है।
- S अवस्था में पैतृक गुणसूत्रों के प्रतिकृति के साथ समान संतति अर्धगुणूसत्र बनने के बाद अर्धसूत्री - I (Meiosis - I) अवस्था प्रारम्भ होती है।
- अर्धसूत्री - II विभाजन में समजात गुणसूत्रों का युग्लन व पुनयोजन होता है।
- अर्धसूत्री - II के अन्त में चार अगुणित कोशिकाएँ बनती हैं।