विसरण (Diffusion): इस क्रिया में पदार्थ के अणुओं का उनकी अधिक सांद्रता वाले स्थान से कम सांद्रता वाले स्थान की ओर गमन होता है। जब तक दोनों स्थानों की सांद्रता समान न हो जाए, तब तक यह क्रिया चलती रहती है। पौधों में विसरण द्वारा गति निष्क्रिय होती है तथा इसमें ऊर्जा की आवश्यकता नहीं होती है। विसरण करने वाला प्रत्येक अणु सभी दिशाओं में अनियमितता (random) से सतत गतिशील होता है। ये अणु आपस में तथा अन्य गैस के अणुओं से टकराकर इस प्रकार फैल जाते हैं कि सम्पूर्ण प्राप्य क्षेत्र में उनका वितरण लगभग एकसमान हो जाता है।
पौधों में रंधों द्वारा होने वाला CO2 और O2 का तथा कोशिकाओं के बीच गैसें, द्रव अथवा विलेयों का आदान-प्रदान विसरण की क्रिया द्वारा होता है। विसरण एक धीमी प्रक्रिया है। विसरण गैस, द्रव में स्पष्ट परिलक्षित होता है जबकि ठोस में ठोस का विसरण कुछ अंश तक ही संभव है। पौधों का विसरण अत्यन्त ही महत्त्वपूर्ण हैं क्योंकि पादप शरीर में गैसीय गति का यह अकेला माध्यम है। प्रत्येक पदार्थ का विसरण, दुसरे पदार्थ के विसरण से स्वतन्त्र होता है। दो अथवा अधिक विभिन्न गैसें केवल एक दिशा में साथ - साथ विसरण कर सकती हैं। इस समय एक गैस के विसरण का प्रभाव दूसरे गैस के विसरण पर नहीं होता। इस प्रकार रन्ध्र के द्वारा CO2 तथा O2 का विसरण एक समय तथा साथसाथ होता है।
विसरण क्रिया में विसरित होने वाले पदार्थ के अणुओं की गति के कारण उत्पन्न दाब को विसरण दाब (Diffusion pressure) कहते हैं। विसरण दाब, गैस, द्रव तथा विलेय के अधिक सांद्रता के क्षेत्र से अपनी कम सांद्रता के क्षेत्र की ओर के विसरण की विभव योग्यता (potential ability) है। शुद्ध विलायक (solvent) का विसरण दाब सबसे अधिक होता है जब इसमें विलेय (solute) डाला जाता है तब विलयन (solution) का विसरण दाब कम हो जाता है।