संक्रमण तत्वों में (n − 1)d आर्बिटलो में उपस्थित इलेक्ट्रॉन भी रासायनिक बन्ध बनाने में भाग लेते है | क्योकि (n − 1)d तथा ns आर्बिटलो के बीच ऊर्जा में अन्तर बहुत कम होता है | निम्न ऑक्सीकरण अवस्था में केवल ns इलेक्ट्रॉन बन्ध बनाने में भाग लेते है | उच्च ऑक्सीकरण अवस्था (जैसे : +3, +4, +5, +6 +7 आदि) में (n − 1)d तथा ns आर्बिटलो के इलेक्ट्रॉन बन्ध बनाने में भाग लेते है | इसलिए संक्रमण तत्व परिवर्ती ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करते है |