5 फरवरी, 1922 ई० को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के चौरी-चौरा में राजनीतिक जुलूस पर पुलिस द्वारा फायरिंग के विरोध में भीड़ ने थाना पर हमला कर दिया जिसमें 22 पुलिसकर्मियों की जान चली गई। अतः आंदोलन के हिंसक हो जाने के कारण 12 फरवरी, 1922 को गाँधी जी ने असहयोग आंदोलन को स्थगित कर दिया।