स्वयंसेवी संगठनों का आपदा प्रबंधन में महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है, क्योंकि ये तात्कालिक और दीर्घकालिक राहत कार्यों में मदद करते हैं।
उनके योगदान में निम्नलिखित शामिल हैं-
(i) तत्काल राहत - आपदा के बाद, स्वयंसेवी संगठन घायल लोगों को प्राथमिक चिकित्सा, खाद्य आपूर्ति, पानी, आश्रय और अन्य जरूरी राहत प्रदान करते हैं।
(ii) संचार और सूचना का प्रसार - आपदा क्षेत्रों में सूचना का प्रसार करने, लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुँचाने और जागरूकता फैलाने में इनका महत्वपूर्ण योगदान होता है।
(iii) स्वयंसेवी कार्यकर्ताओं का योगदान - इन संगठनों में लाखों स्वयंसेवी कार्यकर्ता होते हैं, जो आपातकालीन सेवाओं, बचाव कार्यों और पुनर्वास के लिए समर्पित रहते हैं।
(iv) पुनर्वास और पुनर्निर्माण - आपदा के बाद पुनर्वास में मदद करने के लिए, इन संगठनों में घरों स्कूलों और अन्य सुविधाओं के पुनर्निर्माण के प्रयास करती है।
(v) मानव संसाधन और उपकरणों की आपूर्ति - इन संगठनों के पास बचाव कार्यों के लिए आवश्यक उपकरण, चिकित्सा सामग्री और प्रशिक्षण होता है, जो आपदा क समय आवश्यक होता है।
(vi) दीर्घकालिक राहत कार्य - आपदा के बाद के प्रभावों से निपटने के लिए, जैसे कि मानसिक स्वास्थ्य समर्थन, शिक्षा और आजीविका के साधन प्रदान करना, इनका बड़ा योगदान होता है।