ग्रेफाइट की संरचना और विद्युत चालकता -
• परतदार संरचना : ग्रेफाइट में कार्बन परमाणु चादरों के रूप में व्यवस्थित होते हैं। इन चादरों में कार्बन परमाणु sp² संकरण में होते हैं, जिसके कारण प्रत्येक कार्बन परमाणु के पास एक अपयुक्त ज्ऑर्बिटल होता है।
• पी-बंदन : ये अपयुक्त p ऑर्बिटल एक-दूसरे के साथ ओवरलैप करके विस्तृत पी-बंदन बनाते हैं। ये विस्तृत पी-बंदन पूरे ग्रेफाइट की चादर में फैले होते हैं और इलेक्ट्रॉनों को स्वतंत्र रूप से गति करने की अनुमति देते हैं।
• मुक्त इलेक्ट्रॉन : ये स्वतंत्र रूप से गति करने वाले इलेक्ट्रॉन विद्युत धारा को संचालित करते हैं, जिससे ग्रेफाइट एक अच्छा विद्युत चालक बन जाता है।
हीरे की संरचना और विद्युत चालकता-
• त्रिविमीय जालक : हीरे में कार्बन परमाणु एक त्रिविमीय जालक में sp³ संकरण में होते हैं।
• कोई मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं : प्रत्येक कार्बन परमाणु अपने चारों ओर के चार कार्बन परमाणुओं के साथ चार सहसंयोजी बंध बनाता है। इस प्रकार, हीरे में कोई मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होता है जो विद्युत धारा को संचालित कर सके।
• अचालक : चूँकि हीरे में मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होते हैं, इसलिए यह विद्युत का कुचालक होता है।