उत्पादन फलन की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
(i) पारस्परिक संबंध- उत्पादन फलन, उत्पादन तथा उत्पत्ति के साधनों का पारस्परिक संबंध बतलाता है।
(ii) इन्जीनियरिंग समस्या- उत्पादन फलन, इन्जीनियरिंग समस्या है न कि आर्थिक समस्या। अतः इसका अध्ययन उत्पादन इंजीनियरिंग में होता है।
(iii) टेक्नोलॉजी द्वारा निर्धारित- प्रत्येक फर्म का उत्पादन फलन टेक्नोलॉजी द्वारा निर्धारित होता है, टेक्नोलॉजी में सुधार होने पर नया उत्पादन फलन बन जाता है। नये उत्पादन फलन में पूर्ण साधनों से अधिक उत्पादन होता है।
(iv) दिये हुये समय या प्रति इकाई समय में- उत्पादन सदा एक दिये हुये समय या प्रति इकाई समय संदर्भ में ही व्यक्त होता है।
(v) उत्पत्ति के साधन की मात्रा- किसी भी उत्पत्ति के साधन की मात्रा को उसके कार्य करने की लम्बाई में मापा जाता है। जैसे-श्रम को श्रम घण्टों में, मशीन को मशीन घण्टों में आदि।