वित्तीय बाजार द्वारा सीमित साधनों के वितरण की प्रक्रिया के मुख्य चार कार्य हैं-
(i) उत्पादनीय कार्य के लिए बचत का प्रयोग एवं वितरण तथा निधि का बचतकर्ता से विनियोग कर्ता को हस्तांतरण।
(ii) व्यावसायिक इकाई के द्वारा निधि के माँग एवं पूर्ति के क्रियाशक्ति द्वारा वित्तीय सम्पत्ति का मूल्य निधारण।
(iii) निधि की तरलता।
(iv) क्रेता एवं विक्रेता को अपनी आवश्यकता की संतुष्टि के लिए सामान्य जगत् उपलब्ध कराना। यह स्टॉक के आपूर्तिकर्ता एवं प्रयोगकर्ता को सूचनाएँ प्रदान कर लेन देन के लागत को कम करता है।