व्यावसायिक वातावरण (Business Environment) - व्यावसायिक वातावरण से आशय उन समस्त घटकों, शक्तियों और परिस्थितियों से है, जो एक व्यवसाय से बाहर हैं और इसके नियन्त्रण से परे हैं। ये घटक व्यावसायिक उद्योग के कामकाज को प्रभावित करते हैं और काफी सीमा तक अनियन्त्रित हैं। सफल होने के लिए एक उद्योग को इन घटकों से प्रभावी ढंग से निपटना होगा। उदाहरण के लिए, ग्राहकों की पसंद में परिवर्तन, सरकारी नीतियों में परिवर्तन, प्रतिस्पर्द्धा में वृद्धि, तकनीकी विकास, आदि, ये सभी कारक एक व्यावसायिक उद्योग के कामकाज को प्रभावित करने की सम्भावना रखते हैं।
व्यावसायिक वातावरण में बाधाएँ और अवसर दोनों हैं। बाधाएँ जैसे कि आर्थिक स्थितियाँ, ग्राहक, सरकारी नियमावली, प्राकृतिक संसाधनों की उपलब्धता, श्रमिक पूर्ति, आदि स्पष्ट हैं। अतः व्यावसायिक वातावरण उन समस्त घटकों, शक्तियों, परिस्थितियों का योग है जिसका सामना एक व्यवसायी को अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए करना पड़ता है।
रेनकी एवं शाल के अनुसार, "व्यावसायिक वातावरण में उन सभी बाहरी घटकों को सम्मिलित किया जाता है जिनसे व्यवसाय अनावृत तथा प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप में प्रभावित होता है।"
विलियम ग्लूक एवं जोच के शब्दों में, "वातावरण में वह सारे बाहरी घटक होते हैं जो व्यावसायिक फर्म के लिए निरन्तर अवसर तथा जोखिम उत्पन्न करते हैं।"
व्यावसायिक वातावरण की विशेषताएँ (Characteristics of Business Environment) - व्यावसायिक वातावरण की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
(i) बाहरी घटकों का योग (Sum of external factors) - व्यावसायिक वातावरण उन सभी घटकों का कुल योग है जो व्यवसाय के बाहर उपस्थित हैं और जिन पर व्यवसाय का कोई नियन्त्रण नहीं है।
(ii) विशिष्ट एवं सामान्य घटक (Specific and general factors)-व्यावसायिक वातावरण में दोनों शामिल हैं, विशिष्ट घटक (प्रतिद्वंद्वी, निवेशक, ग्राहक, आपूर्तिकर्ता आदि) एवं सामान्य घटक (सामाजिक, राजनीतिक, वैधानिक, प्रौद्योगिकीय आदि)। विशिष्ट घटक व्यवसाय के रोज के कामकाज पर सीधा प्रभाव डालते हैं, जबकि सामान्य घटकों का व्यवसाय पर अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है।
(iii) पारस्परिक सम्बन्धित (Inter related) - व्यावसायिक वातावरण के विभिन्न तत्व एक-दूसरे से सम्बन्धित हैं तथा एक-दूसरे पर निर्भर हैं। उदाहरण के लिए, पश्चिमी संस्कृति की ओर युवाओं के रुझान के साथ, फास्ट फूड की माँग दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है।
(iv) अनिश्चितता (Uncertainty)- व्यावसायिक वातावरण व्यावसायिक फर्मों के लिए अनिश्चितता उत्पन्न करते हैं, क्योंकि बाहरी घटकों में निरन्तर परिवर्तन होते हैं और भविष्य के लिए वातावरण का पूर्वानुमान लगाना बहुत कठिन है।
(v) गत्यात्मक प्रकृति (Dynamic nature)- यह स्पष्ट है कि वातावरण अनेक घटकों का मिश्रण है और ग्राहकों की पसंद, तकनीक, आदि में निरन्तर परिवर्तन होते रहते हैं। इन परिवर्तनों के कारण वातावरण गत्यात्मक प्रकृति का हो जाता है।
(vi) जटिलता (Complexity)- वातावरण अनेक घटकों के संयोजन से बनता है। ये सभी घटक एक-दूसरे से सम्बन्धित हैं। कभी-कभी उपक्रम के लिए एक रणनीति तैयार करके ऐसे सभी घटकों को संभालना कठिन हो जाता है। अतः यह व्यावसायिक वातावरण को जटिल बनाता है।
(vii) सापेक्षता (Relativity) - व्यावसायिक वातावरण हर जगह भिन्न होता है, देश से देश, क्षेत्र से क्षेत्र और यहाँ तक कि एक ही कम्पनी में विभिन्न स्थानों पर। उदाहरण के लिए, भारत में साड़ी की माँग ज्यादा है, जबकि यह जापान में लगभग न के बराबर है।