कार्य पर प्रशिक्षण (On the Job Training)- इस प्रथा के अन्तर्गत कर्मचारियों को सीधे काम पर लगाकर प्रशिक्षण दिया जाता है। इससे कर्मचारी काम भी सीखता है और उत्पादन भी करता है। वह यहाँ पर अपनी भूल को तुरन्त सुधारने का प्रयत्न करता है। इसकी लागत भी कम आती है।
कार्य से दूरप्रशिक्षण (Off the Job Training)- कार्य पर प्रशिक्षण का सबसे बड़ा दोष यह है कि प्रशिक्षण की सफलता प्रशिक्षण की निजी योग्यता एवं रुचि पर निर्भर करती है। अब इस कमी को दूर करने के लिए कार्य से दूर प्रशिक्षण का सहारा लिया जाता है। इसके अन्तर्गत एक पूर्व नियोजित कार्य के अनुसार व्यापक प्रशिक्षण दिया जाता है। विशेष पाठ्यक्रम, भूमिका निर्वाह, व्यावसायिक क्रीड़ा, बहुपद प्रबन्ध, संवेदनशील प्रशिक्षण इत्यादि कार्य से दूर प्रशिक्षण की प्रमुख विधियाँ हैं।