शंकरदेवकें नाट्य-शास्त्र' क पुरातन परम्परामे एतेक मौलिक परिवर्तन करब एहि हेतु संभव भेलनि जे श्रीमद्भागवतक शुकदेवक अनुकरणमे सूत्रधारक ओ नियोजन कयलनि। भागवत हुनका हेतु नाट्य शास्त्रसँ बेसी प्रकाश स्तम्भ छल । ओ सूत्रधारकें उद्बोधक रूपमे प्रस्तुत कयलनि। एहि गध्यांशक अनुसार सूत्रधारकै उद्बोधकक रूप में प्रस्तुत केलनि :-
(A) माधव देव
(B) शंकर देव
(C) बिसल देव
(D) उपर्युक्तमेस एकसँ बेसी
(E) उपर्युक्तमेसँ कोनो नहिं