(i)
बढ़ती जनसंख्या
बढ़ती जनसंख्या आजकल विश्व के लिए एक गंभीर समस्या बन गई है। भारत जैसे विकासशील देशों में जनसंख्या की वृद्धि लगातार बढ़ रही है, जिससे संसाधनों पर अत्यधिक दबाव डाल रहा है। इस बढ़ती जनसंख्या का सबसे बड़ा प्रभाव हमारी अर्थव्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और पर्यावरण पर पड़ता है। बढ़ती जनसंख्या से बेरोजगारी, गरीबी, कुपोषण और भुखमरी जैसी समस्याएँ भी उभर रही हैं। जल, बिजली, भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की मांग अधिक हो रही है, जबकि उपलब्ध संसाधन सीमित हैं। जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए हमें परिवार नियोजन, शिक्षा और महिलाओं के सशक्तिकरण पर ध्यान देना होगा। जनसंख्या नियंत्रण से हम अपने संसाधनों का बेहतर तरीके से उपयोग कर सकते हैं और समाज में समृद्धि ला सकते हैं।
(ii)
पानी की बचत
पानी हमारे जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है, लेकिन आजकल यह तेजी से घटता जा रहा है। बढ़ती जनसंख्या, जलवायु परिवर्तन, और जल स्रोतों का अत्यधिक उपयोग पानी की कमी का कारण बन रहे हैं। भारत जैसे देश में जहां वर्षा की कमी और पानी की सही वितरण व्यवस्था का अभाव है, पानी की बचत की महत्ता और भी बढ़ जाती है। हमें पानी की बचत के लिए कुछ सामान्य उपायों को अपनाना चाहिए, जैसे कि नल को बंद करना, वर्षा जल संचयन करना, पानी का पुनः उपयोग (recycling) करना, और जल का विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग करना। इसके अलावा, हमें समाज को भी जल संरक्षण के प्रति जागरूक करना चाहिए। पानी बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं, ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए पानी का अभाव न हो।
(iii)
मेरे प्रिय लेखक
मेरे प्रिय लेखक महात्मा गांधी हैं। वे केवल एक महान नेता नहीं थे, बल्कि एक कुशल लेखक भी थे। उनका लेखन भारतीय समाज की कई समस्याओं को उजागर करता था। उनकी किताब "हिंद स्वराज" ने भारतीय समाज को आत्मनिर्भर और अहिंसा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। गांधीजी ने अपने लेखन में सत्य, अहिंसा, और सादगी की महत्वपूर्ण बातें साझा कीं। उनका लेखन न केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण था, बल्कि यह जीवन के नैतिक मूल्यों पर भी आधारित था। उनका उद्देश्य था समाज को जागरूक करना और उन्हें सच्चे उद्देश्य की ओर प्रेरित करना। गांधीजी का लेखन आज भी हमें सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।
(iv)
बाढ़ की समस्या
बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा है, जो भारी वर्षा, नदियों का उफान और जलवायु परिवर्तन के कारण होती है। बाढ़ के कारण न केवल किसानों की फसलें नष्ट होती हैं, बल्कि भारी आर्थिक नुकसान भी होता है। बाढ़ में घरों और सार्वजनिक संपत्तियों को भी क्षति पहुँचती है, और लोगों की जान को भी खतरा होता है। भारत में विशेषकर बिहार, उत्तर प्रदेश, असम और उड़ीसा जैसे राज्यों में बाढ़ की समस्या आम है। बाढ़ की समस्या से निपटने के लिए हमें नदी तटों पर बांधों और सुरक्षा दीवारों का निर्माण करना चाहिए, जल निकासी की व्यवस्था को सुधारना चाहिए और वर्षा जल संचयन की प्रक्रिया को बढ़ावा देना चाहिए। सरकार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आपातकालीन राहत कार्यों के लिए उचित व्यवस्था करनी चाहिए।
(v)
गणतंत्र दिवस
गणतंत्र दिवस भारत का एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्व है, जिसे हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिन भारत का संविधान लागू हुआ था, जिससे भारत एक लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया। गणतंत्र दिवस पर हर साल दिल्ली में भव्य परेड का आयोजन किया जाता है, जिसमें भारतीय सेना, पुलिस बल, और विभिन्न राज्यों के सांस्कृतिक दल हिस्सा लेते हैं। इस दिन हम अपनी स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान करते हैं। इस दिन को मनाने का उद्देश्य भारतीय नागरिकों को संविधान के प्रति अपनी जिम्मेदारी और कर्तव्यों का एहसास दिलाना है। गणतंत्र दिवस पर सभी लोग देश की एकता और अखंडता के प्रतीक के रूप में इस दिवस को उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाते हैं।
(vi)
विद्यार्थी जीवन
विद्यार्थी जीवन जीवन का सबसे सुंदर और अहम समय होता है। यह वह समय है जब हम अपने व्यक्तित्व को आकार देते हैं और भविष्य के लिए अपने लक्ष्य की ओर कदम बढ़ाते हैं। विद्यार्थी जीवन में अनुशासन, समय प्रबंधन और कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है। यह समय न केवल शिक्षा प्राप्त करने का है, बल्कि यह समय हमें जीवन के अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं को समझने का भी होता है। इस दौरान हमें न केवल कक्षा के ज्ञान, बल्कि खेल, कला, और सामाजिक कार्यों के माध्यम से भी सीखने का अवसर मिलता है। विद्यार्थी जीवन में हम अपनी कमजोरियों पर काम करते हैं और अपने गुणों को निखारते हैं। यह जीवन हमें जीवन के कठिन समय में धैर्य, समझदारी और संघर्ष की भावना सिखाता है, जो हमें भविष्य में सफलता की ओर मार्गदर्शन करता है।