हंसा मेहता ने संविधान सभा में महिलाओं के लिए समानता और अधिकारों की माँग रखी।
उनकी प्रमुख माँगें थीं:
1. महिलाओं के समान अधिकारः उन्होंने महिलाओं को संपत्ति, शिक्षा, और रोजगार जैसे क्षेत्रों में पुरुषों के समान अधिकार देने की वकालत की।
2. समानता का अधिकारः हंसा मेहता ने संविधान में लिंग समानता को सुनिश्चित करने के लिए समानता का अधिकार देने की माँग की।
3. भेदभावपूर्ण क़ानूनों का विरोधः उन्होंने महिलाओं के खिलाफ भेदभावपूर्ण क़ानूनों को खत्म करने की कोशिश की।
4. लिंग-निरपेक्ष भाषाः उन्होंने संविधान के प्रस्तावना में "पुरुष" शब्द को "समानता" शब्द से बदलने का प्रस्ताव रखा, ताकि यह लैंगिक दृष्टि से समान हो।
उनकी ये माँगें भारतीय संविधान में महिलाओं के अधिकारों और समानता के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण साबित हुईं।