नियोजन के महत्व को स्पष्ट करते हुए जी.डी.एच. कौल. ने कहा है "बिना नियोजन के कोई भी कार्य तीर और तुक्के पर आधारित होगा, जिससे केवल भ्रम, संदेह व अव्यवस्था ही उत्पन्न होगी।" नियोजन की आवश्यकता एवं महत्व निम्न तथ्यों से स्पष्ट होता है।
1. उद्देश्य प्राप्ति में सहायक किसी भी व्यवसाय की स्थापना निश्चित उद्देश्यों की प्राप्ति करने के लिए की जाती है तथा निश्चित उद्देश्य नियोजन के बिना प्राप्त नहीं किये जा सकते। नियोजन से प्रत्येक कार्य सुव्यवस्थित ढंग से समयबद्ध रूप से किया जाता है।
2. भावी अनिश्चिताओं में कमी नियोजन भविष्य के लिए किया जाता है और भविष्य सदैव अनिश्चिताओं से घिरा रहता है ऐसी अनिश्चतताओं को केवल नियोजन के माध्यम से ही कम किया जा सकता है। एक सफल नियोजन का यह गुण होता है कि वह वर्तमान परिस्थितियों के संदर्भ में भविष्य के लिए योजना तैयार करें। भविष्य में घटने वाली विभिन्न प्राकृतिक घटनाओं एवं अन्य कारकों पर सफलता केवल नियोजन से ही प्राप्त की जा सकती है।