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प्रथम श्रेणी के संक्रमण तत्वों के अभिलक्षणों की द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी के वर्गों के संगत तत्वों से क्षैतिज वर्गों में तुलना कीजिए। निम्नलिखित बिन्दुओं पर विशेष महत्त्व दीजिए – 

1. इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 

2. ऑक्सीकरण अवस्थाएँ 

3. आयनन एन्थैल्पी तथा 

4. परमाण्वीय आकार।

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1. इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (Electronic configuration) – एक ही वर्ग के तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास सामान्यतया समान होते हैं। यद्यपि प्रथम संक्रमण श्रेणी दो अपवाद प्रदर्शित करती है – 

Cr = 3d5 4s1 तथा Cu = 3d10 4s1, परन्तु द्वितीय श्रेणी इससे अधिक अपवाद प्रदर्शित करती है – 

Mo (42) = 4d5 5s1, Tc (43) = 4d6 5s1, Ru (44) = 4d7 5s1, Rh (45) = 4d8 5s1, Pd (46) = 4d210 5s0, Ag (47) = 4d10 5s1। इसी प्रकार, तृतीय श्रेणी में W (74) = 5d4 6s1, Pt (78) = 5d9 6s1 तथा Au (79) = 5d10 6s1 अपवाद हैं। इसलिए क्षैतिज वर्ग में अनेक स्थितियों में, तीनों श्रेणियों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास समान नहीं हैं।

2. ऑक्सीकरण अवस्थाएँ (Oxidation states) – समान क्षैतिज वर्ग में तत्व सामान्यतया समान ऑक्सीकरण अवस्थाएँ प्रदर्शित करते हैं। प्रत्येक श्रेणी के मध्य में तत्वों द्वारा प्रदर्शित ऑक्सीकरण अवस्थाओं की संख्या अधिकतम होती है, जबकि अन्त में न्यूनतम होती है। 

3. आयनन एन्थैल्पी (Ionization enthalpy) – प्रत्येक श्रेणी में बाएँ से दाएँ जाने पर प्रथम आयनन एन्थैल्पी सामान्यतया धीरे-धीरे बढ़ती है, यद्यपि प्रत्येक श्रेणी में कुछ अपवाद भी प्रेक्षित होते हैं। समान क्षैतिज वर्ग में 3d श्रेणी के तत्वों की तुलना में 4d श्रेणी के कुछ तत्वों की प्रथम आयनन एन्थैल्पी उच्च तथा कुछ तत्वों की कम होती है, यद्यपि 5d श्रेणी की प्रथम आयनन एन्थैल्पी 3d तथा 4d श्रेणियों की तुलना में उच्च होती है। इसका कारण 5d श्रेणी में 4f इलेक्ट्रॉनों पर नाभिक का दुर्बल परिरक्षण प्रभाव है। 

4. परमाण्वीय आकार (Atomic sizes) – सामान्यतया किसी श्रेणी में समान आवेश के आयन अथवा परमाणु, परमाणु क्रमांक बढ़ने के साथ त्रिज्याओं में क्रमिक कमी प्रदर्शित करते हैं, यद्यपि यह कमी अत्यन्त कम होती है। परन्तु 4d श्रेणी के परमाणुओं के आकार, 3d श्रेणी के सम्बन्धित तत्वों की तुलना में अधिक होते हैं, जबकि 5d श्रेणी के सम्बन्धित तत्वों के आकार के लगभग समान होते हैं। इसका कारण लैन्थेनाइड आकुंचन है।

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