भीमराव अंबेडकर ने 1913 में न्यूयार्क (अमेरिका) में जाकर कोलंबिया विश्वविद्यालय में दाखिला लिया। यहाँ से उन्होंने 1915 में एम.ए. तथा 1916 में पीएच.डी. की डिग्री प्राप्त की। 1916 में ही वे डॉक्टरेट ऑफ साइन्स (डी.एस.सी.) की तैयारी के लिए लंडन पहुंचे। विभिन्न कारणों से उन्हें पुनः भारत आना पड़ा। अपनी अधूरी डिग्री को पूरा करने के लिए एक बार फिर वे 1920 में लंडन गए। यहाँ उन्होंने 1921 में ब्रिटिश भारत में साम्राज्य पूंजी का प्रादेशिक विकेन्द्रीकरण’ विषय पर शोधकार्य पूरा कर मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री प्राप्त की। एम.ए., पीएच.डी., एम.एससी., डी.एससी. और बार-एट-लॉ बनकर वे बंबई आए।