कवि बच्चन के अनुसार उन्हें सांसारिक जीवन का कठिन भार ढोना पड़ रहा है। इतने पर भी उन्हें जीवन से कोई शिकायत नहीं है। उनके हृदय में सभी के लिए प्यार है। इसी प्रकार एक ओर वह जगत पर ध्यान न देने की बात कहते हैं। उसे स्वार्थी, अपूर्ण, मूढ़, आदि कहते हैं और दूसरी ओर उसी संसार को मस्ती का संदेश सुनाते फिरते हैं। इस प्रकार सिद्ध होता है कि कवि ने जीवन के विरोध भासों को सहजता से निभाया है।