राम ने देखा कि रावण अन्याय के पक्ष में खड़ा है। राम अन्याय के विरुद्ध लड़ रहे हैं। अधर्मरत रावण महाशक्ति का अपना बन गया और धर्मरत पराये हो गए। भगवती दुर्गा को राम के पक्ष में होना चाहिए था किन्तु इसके विपरीत वह अन्याय और अधर्म की शक्तियों का साथ दे रही हैं। विधि का यह विधान कितना विचित्र है। राम यह समझने में असमर्थ हैं।