लकड़ी के गुटके का द्रव्यमान =5 किग्रा
लकड़ी के गुटका का भार मेज की सतह पर प्रणोद लगाता है | अतः
प्रणोद `F=mg=5xx9.8=49` न्यूटन
(i) जब गुटके की `20xx10` सेमी विमाओं की सतह को मेज पर रखा जाता है |
गुटके की सतह का क्षेत्रफल `=20xx10=200" सेमी"^(2)=0.02" मी"^(2)`
`"दाब"=("प्रणोद")/("क्षेत्रफल")=(49)/(0.02)=2450" न्यूटन/मी"^(2)`
(ii) जब गुटके की `40xx20` सेमी विमाओं की सतह को मेज पर रखा जाता है तो मेज की सतह पर पहले जितना प्रणोद लगाता है | अतः
गुटके की सतह का क्षेत्रफल `=40xx20=800" सेमी"^(2) =0.08" मी"^(2)`
`"दाब"=(49)/(0.08)=612.5" न्यूटन/मी"^(2)`
अतः सतह `20xx10` सेमी द्वारा लगाया दाब `2450 "न्यूटन/मी"^(2)`
तथा सतह `40xx20` सेमी द्वारा लगाया दाब `612.5" न्यूटन/मी"^(2)` है |
जो यह दर्शाता है कि जब वही बल छोटे क्षेत्रफल पर लगता है तो अधिक दाब लगता है तथा क्षेत्रफल बड़ा होने पर कम दाब लगता है | इसलिए कीलों के सिरे नुकीले, चाकू कि धार तेज तथा मकानों कि नीव चौड़ी बनाई जाती है |