(a) संरक्षण - जान कोई धातु अपने आस-पास अम्ल, नमी आदि के सम्पर्क में आती है तब यह संरक्षित होती है अर्थात ग़ज़लने लगती है । इस प्रक्रिया को संरक्षण कहते हैं ।
संरक्षण के लिए प्रिसिथितियाँ -
(i) नमी (जल) की उपस्थिति ।
(ii) वायु की उपस्थिति ।
उदाहरण - लोहे में जंग लगना संरक्षण का एक सामान्य उदाहरण हैं ।
`underset("आयरन")(4Fe(s))underset(("वायु से"))underset("ऑक्सीजन")(3O_(2)(g))+underset(("वायु से"))underset("जल")(2xH_(2)O)rarr underset(("जंग"))underset("हाइड्रेटेड फैरिक ऑक्साइड")(2Fe_(2)O_(3).xH_(2)O(s))`
लोहे की गलने वाली परत को जंग कहते हैं ।
(b) विकृत गन्धिता - वायु द्वारा उपचयित होने पर तेल एवं वासा विकृत गन्धी हो जाते है तथा उनके स्वाद तथा गन्ध बदल जाते हैं । इस प्रक्रिया को विकृत गन्धिता कहते हैं ।
उदाहरण - वासा एवं तेल से युक्त पदार्थ लम्बी अवधि तक रखने पर उनके स्वाद एवं गन्ध बदल जाते हैं । वे स्वाद में विकृत तथा दुर्गन्धित हो जाते हैं ।