बैटरी चार्जर का विधुत वाहक बल ( 120 वोल्ट ) बैटरी के विधुत वाहक बल (10 वोल्ट ) से अधिक है । अतः परिपथ में वैधुत धारा की दिशा बैटरी चार्जर से ही निर्धारित होगी ( बैटरी चार्जर के धन टर्मिनल के निकलकर ऋण टर्मिनल में प्रवेश करेगी ) ।
माना बैटरी के श्रेणीक्रम में जोड़ा गया प्रतिरोध R है । अब , परिपथ में प्रभावी विधुत वाहक बल 120 वोल्ट - 10 वोल्ट = 110 वोल्ट है तथा कुल प्रतिरोध `0.5` ओम + R है । अतः आवेशन धारा
` i = (110 "वोल्ट ")/(0.5 "ओम " + R) `.
परन्तु `i=4.0` ऐम्पियर |
`:. 0.5 ` ओम `+ R = (110 "वोल्ट ")/(4.0 "ऐम्पियर ") = 27.5` ओम
अतः प्रतिरोध `R = 27 .5 - 0.5 = 27` ओम |
बैटरी आवेशन की जा रही है , अतः इसके भीतर धारा धन टर्मिनल से ऋण टर्मिनल की ओर प्रवाहित होगी तथा टर्मिनलों के बीच उपलब्ध विभवान्तर V इसके विधुत वाहक बल E से अधिक होगा । यदि बैटरी का आंतरिक प्रतिरोध r तथा आवेशन धारा i हो तब
`V = E + i r = 10` वोल्ट +(4.0 ऐम्पियर `xx 0.5` ओम )
= 10 वोल्ट + 2.0 वोल्ट = 12 वोल्ट|