(A) समांतर प्लेट वायु संधारित्र की धारिता, `C_(0)=(Aepsilon_(0))/d`
प्रश्नानुसार, `A=0.20 मीटर^(2), d=0.01` मीटर, `epsilon_(0)=8.85 xx 10^(-12)` फैरेड/मीटर
`therefore C_(0)=(0.20 xx 8.85 xx 10^(-12))/(0.01)`
`=1.77 xx 10^(-10)` फैरेड
(B) यदि शीट रखने से पहले संधारित्र की प्लेटों के बीच विभवांतर `V_(0)` हो तो प्रत्येक प्लेट पर आवेश,
`q_(0) =C_(0)V_(0) =1.77 xx 10^(-10) xx 3000`
`=5.31 xx 10^(-7)` कुलोम
( c) प्लेटों के बीच के माध्यम का परावैघुतांक, `K=V_(0)/V=(3000)/(1000)=3`
(D) चूँकि प्लेटों के बीच सम्पूर्ण स्थान में परावैघुत भरा है, अतः परावैघुत भरने पर संधारित्र की धारिता,
`C=KC_(0)=3 xx 1.77 xx 10^(-10)`
`=5.31 xx 10^(-10)` फैरेड
(E) परावैघुतांक की वैघुतशीलता,
`epsilon = Kepsilon_(0)=3 xx 8.85 xx 10^(-12)`
`=2.66 xx 10^(-11)` फैरेड/मीटर