(a)दिया है-उत्तल लेन्स की फोकस दूरी `(f_(1))=30` सेमीo
अवतल लेन्स की फोकस दूरी `(f_(2))=-20`सेमीo ,d=8 सेमीo
सूत्रानुसार,
`(1)/(f)=(1)/(f_(1))+(1)/(f_(2))-(d)/(f_(1)f_(2))`
`(1)/(f)=(1)/(30)-(1)/(20)-(8)/(30xx(-20))=(20-30+8)/(30xx20)`
`(1)/(f)=-(2)/(600)`
`f=-300` सेमीo
(i) माना आपतित किरण पुंज उत्तल लेन्स पर आपतित होती है तथा यह मानिए की अवतल लेन्स अनुपस्थित है|
`u_(1)=oo,f_(1)=30` सेमीo
लेन्स के सूत्रानुसार,
`(1)/(f_(1))=(1)/(upsilon_(1))-(1)/(u_(1))`
`(1)/(30)=(1)/(upsilon_(1))-(1)/(oo)`
उत्तल लेन्स द्वारा निर्मित प्रतिबिम्ब की स्थिति,
`upsilon_(1)=30`सेमीo
अब यह प्रतिबिम्ब अवतल लेन्स के लिए एक वस्तु का कार्य करता है|
अब वस्तु की दूरी,
`u_(2)=+(30-8)=22` सेमीo
`f_(2)=-20` सेमीo
लेन्स के सूत्रानुसार,
`(1)/(f_(2))=(1)/(upsilon_(2))-(1)/(u_(2))`
`(1)/(upsilon_(2))=-(1)/(20)+(1)/(22)=-(1)/(220)`
अन्तिम प्रतिबिम्ब की दूरी `upsilon_(2)=-220` सेमीo
अतः समान्तर किरण पुंज किसी बिंदु से `220-4=216` सेमीo की दूरी पर अपसरित होता प्रतीत होगा (दो लेन्सों के केन्द्र के बिन्दु से)|
(ii) माना समान्तर प्रकाश किरण पुंज सर्वपर्थम अवतल दर्पण पर आपतित होती है |
`u_(1)=-oo, f_(1)=-20` सेमीo , `upsilon_(1)=?`
`(1)/(upsilon_(1))+(1)/(8)=(1)/(-20)`
`upsilon_(1)=-20` सेमीo
यह लेन्स के लिए वस्तु का कार्य करता है |
`u_(2)=-(20+8)=-28`सेमीo , `f_(2)=30` सेमीo , `upsilon_(2)=?`
`(1)/(upsilon_(2))+(1)/(28)=(1)/(30)`
`(1)/(upsilon_(2))=(1)/(30)-(1)/(28)=(14-15)/(420)=-(1)/(420)`
`upsilon_(2)=-420` सेमीo
दो लेन्सों निकाय में समान्तर प्रकाश किरण पुंज किसी बिन्दु से `420-4=416`सेमीo की दूरी पर लेन्स से बायीं ओर अभिसरित होती प्रतीत होती है| उपरोक्त दोनों स्थितियों से यह विदित होता है की उत्तर इस बात पर निर्भर करता है कि लेन्स समायोजन से किस ओर समान्तर किरण पुन्ज पर आपतित होता है| अतः फोकस दूरी प्रभावी नहीं है |
(b) दिया है-वस्तु का आकार `(O_(1))=1.5`सेमीo
उत्तल लेन्स से दूरी `(u_(1))=-40` सेमीo
उत्तल लेन्स हेतु,
`(1)/(upsilon_(1))-(1)/(u_(1))=(1)/(f_(1))`
`(1)/(upsilon_(1))=(1)/(30)+(1)/((-40))`
`=(4-3)/(120)=(1)/(120)`
`upsilon_(1)=120` सेमीo
उत्तल लेन्स द्वारा आवर्धन,
`m_(1)=(upsilon_(1))/(u_(1))=(120)/(-40)=-3`
अतः यह प्रतिबिम्ब अवतल लेन्स के लिए वस्तु का कार्य करता है |
`:.` अवतल लेन्स हेतु, `u_(2)=120-8=112` सेमीo ,`f_(2)=-20` सेमीo
`(1)/(upsilon_(2))=(1)/(-20)+(1)/(112)=(-112+20)/(112xx20)=(-92)/(112xx20)`
`upsilon_(2)=(-112xx20)/(92)` सेमीo
अवतल लेन्स द्वारा उतपन्न आवर्धन,
`m_(2)=(upsilon_(2))/(u_(2))=((-112xx20))/(92xx112)=(20)/(92)`
संयुग्मन द्वारा उतपन्न आवर्धन,
`m=m_(1)xx m_(2)=(-3)xx(-(20)/(90))=(60)/(92)`
`m=0.652`
प्रतिबिम्ब का आकार `m xx` वस्तु का आकार
`=0.652xx1.5=0.98` सेमीo
अतः दो दोनों द्वारा उतपन्न आवर्धन `0.652` है तथा प्रतिबिम्ब का आकार `0.98` सेमीo है|