हम जानते है कि
1. `alpha` कण के क्षय में, परमाणु भार में 4 की कमी तथा परमाणु क्रमांक में 2 की कमी आती है।
2. `beta`-कण के क्षय में परमाणु भार अपरिवर्तित रहता है तथा परमाणु क्रमांक में 1 की वृद्धि होती है।
3. `gamma` कण के क्षय में परमाणु भार तथा परमाणु क्रमांक अपरिवर्तित रहते हैं। अब हमारे पास निम्नलिखित समीकरण हैं
a. `._(88)^(226)Ra overset(-alpha)(to)._(88)^(222)Rn+._(2)^(4)He`
(b) `._(94)^(242)Puoverset(-alpha)(to)._(92)^(238)U+._(2)^(4)He`
(c) `._(15)^(32)Poverset(-(-beta))(to)._(16)^(32)S+._(-1)^(0)e+barv`
अर्थात `beta^(-)-` कण के क्षय साथ `barv` (एन्टि-न्युट्रिनों) भी स्वतंत्र होता है।
(d) `._(83)^(210)Bioverset(-(-beta))(to)._(84)^(210)X+._(-1)^(0)e+barv`
(e) `._(6)^(11)Coverset(-(+beta))(to)._(5)^(11)B+e^(+)+v`
`.^(11)C_(6)` का `beta^(+)` कण का क्षय न्यूट्रिनों को भी मुक्त करता है।
(f) `._(43).^(97)TC overset(-(+beta))(to)._(42)^(97)X xx e^(+)+v`
(g) `._(54)^(120)Xe+._(-1)^(0)e (to) ._(53)^(120)X`