जीवित कार्बनयुक्त द्रव्य की सामान्य ऐक्टिवता, प्रति ग्राम कार्बन के लिए 15 क्षय प्रति मिनट है | यह ऐक्टिवता, स्थायी समस्थानिक `""_(6)^(14)C` के साथ-साथ अल्प मात्रा में विधमान रेडियोऐक्टिव `""_(6)^(12)C` के कारण होती है | जीव की मृत्यु होने पर वायुमंडल के साथ इसकी अन्योन्य क्रिया (जो उपरोक्त संतुलित ऐक्टिवता को बनाए रखती है) समाप्त हो जाती है, तथा इसकी ऐक्टिवता कम होनी शुरू हो जाती है | `""_(6)^(14)C` की ज्ञात अर्द्ध-आयु (5730 वर्ष) और नमूने की मापी गई ऐक्टिवता के आधार पर इसकी सन्निकट आयु की गणना की जा सकती है | यही पुरातत्व विज्ञान में प्रयुक्त होने वाली `""_(6)^(12)C` काल निर्धारण प्रद्धति का सिद्धांत है | यह मानकर की मोहनजोदड़ो से प्राप्त किसी नमूने की ऐक्टिवता 9 क्षय प्रति मिनट प्रति ग्राम कार्बन है | सिंधु घाटी सभ्यता की सन्निकट आयु का आकलन कीजिए |