यहाँ f (x) = 4x + 3 , x `in` R .
हमें सिद्ध करना हैं कि f व्युत्क्रमणीय हैं ।
f एकैकी हैं : माना `x_(1) , x_(2) in R` , तब
`f (x_(1)) = f (x_(2))`
`rArr 4x_(1) + 3 = 4x_(2) + 3 `
`rArr 4x_(1) = 4x_(2)`
`rArr x_(1) = x_(2)`
`therefore` f एकैकी फलन हैं ।
f आच्छादक हैं : माना y सहप्रांत R का स्वेच्छ अवयव हैं , तब
y = f (x)
`rArr y = 4x + 3 `
`rArr 4x = y - 3`
`rArr x = (y -3)/(4)`
अब , `f (x) = f ((y - 3)/(4)) = 4((y - 3)/(4)) + 3 = y`
अतः प्रत्येक `y in R` के लिए `x in R` का अस्तित्व इस प्रकार हैं कि f (x) = y .
अतः f : R `to` R एकैकी आच्छादक फलन हैं इसलिए f व्युत्क्रमणीय है । यही सिद्ध करना था ।
`f^(-1)` ज्ञात करना : माना f (x) = y .
`rArr 4x + 3 = y `
`rArr 4x = y - 3 `
`rArr x = ( y - 3)/(4) `
`rArr f ^(-1) (y) = ( y - 3)/(4)`
`rArr f^(-1) (x) = (x - 3)/(4)`, [ y = x रखने पर ]
अतः `f^(-1) : R to R` जहाँ `f^(-1) (x) = (x - 3)/(4) AA x in R` .