इस नियम के अनुसार, विद्युत चुम्बकीय प्रेरण की प्रत्येक अवस्था में प्रेरित विद्युत धारा की दिशा इस प्रकार होती है की वह कारण का विरोध करती है जिसके कारण वह स्वयं उत्पन्न हुई है।
ऊर्जा संरक्षण - लेन्ज के नियमानुसार, जब किसी चुम्बक को किसी कुंडली के समीप लाते हैं तो कुंडली के चुम्बक के पास वाला सिरा उत्तरी ध्रुव की भाँति कार्य करात है। कुंडली चुम्बक पर प्रतिकर्षण बल कार्य करता है। अतः चुम्बक को पास लाने में इस प्रतिकर्षण बल के विरुद्ध कार्य करना पड़ता है। यदि यांत्रिक ऊर्जा विद्युत ऊर्जा में परिवर्तन होती है जिससे कुंडली में विद्युत धारा प्रवाहित होती है। इसी प्रकार जब उत्तरी ध्रुव को कुंडली से दूर ले जाते हैं तो कुंडली के पास वाले सिरे पर दक्षिणी ध्रुव बनने के कारण कुंडली चुम्बक को अपनी और आकर्षित करती है जिसके विरुद्ध, चुम्बक को विस्थापित करने में कार्य करना पड़ता है। यही यांत्रिक कार्य प्रेरित धारा में परिवर्तित होती है। अतः लेन्ज का नियम ऊर्जा संरक्षण नियम के अनुकूल है।