Correct Answer - Option 3 :
चतुर्थी
स्पष्टीकरण - 'हरये रोचते भक्तिः' वाक्य में 'हरये' पद में विभक्ति चतुर्थी है ।
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रुच्यर्थानां प्रीयमाणः (१।४।३३।।) इस पाणिनीय सूत्र के अनुसार रुच् -रोच् (१ गण , आत्मनेपद) इस धातु का अर्थ प्रिय होना है।
- इस धातु का उपयोग वाक्य में करने के समय जिसको प्रिय है, उस शब्द के लिये चतुर्थी विभक्ति का प्रयोग होता है।
- हरये रोचते भक्तिः । इस का अर्थ हरी को भक्ति प्रिय है।
- हरये यह हरि नाम का चतुर्थी का रूप है, जो कवि नामतालिका के जैसे प्रयोग होता है।
हरि नामतालिका -
विभक्ति
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एकवचन
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द्विवचन
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बहुवचन
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प्रथमा
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हरिः
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हरी
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हरयः
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द्वितीया
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हरिम्
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हरी
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हरीन्
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तृतीया
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हरिणा
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हरिभ्याम्
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हरिभिः
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चतुर्थी
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हरये
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हरिभ्याम्
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हरिभ्यः
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पञ्चमी
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हरेः
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हरिभ्याम्
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हरिभ्यः
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षष्ठी
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हरेः
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हर्योः
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हरीणाम्
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सप्तमी
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हरौ
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हर्योः
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हरिषु
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सम्बोधन
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हे हरे!
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हे हरी!
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हे हरयः!
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अतः 'हरये रोचते भक्तिः' वाक्य में 'हरये' पद में विभक्ति चतुर्थी है।