शब्दों और वाक्यों के समूहों को भाषा कहते हैं. इन्हे हम बोल के या लिख के समझ या समझा सकते हैं लेकिन कुछ ऐसी मौखिक ध्वनि जिनके साथ शब्द और वाक्य प्रस्तुत होते हैं बोली कहलाती है.
# भाषा को हम लिखित रूप से व्यक्त कर सकते हैं लेकिन कुछ भाषा ऐसी होती हैं जिन्हे हम लिखित रूप में नहीं पाते हैं बोली कहलाती हैं जैसे – भोजपुरी.
# भाषा दो प्रकार की होती हैं मौखिक और लिखित. जबकि बोली को हम केवल मौखिक रूप से पाते हैं.
# भाषा की अपनी लिपि होती है जैसे की: हिंदी की देवनागरी, अंग्रेजी की रोमन, पंजाबी की गुरुमुखी, आदि. और यदि बोली की बात की जाए तो वो क्षेत्र विशेष में बोली जाती है और इसमें जो लिपि का उपयोग कर के लिखा जाता है वो उस भाषा की बोली कहलाती है.
# भाषा विस्तृत होती है जबकि बोली स्थानीय होती है.
# भाषा का प्रयोग शिक्षा, समाजिक व्यवहार, साहित्य आदि में होता है जबकि बोली को कभी बोलने में उपयोग कर सकते हैं अर्थात बात करने में.
# भाषा में शुद्धता और अशुद्धता का ध्यान रखना होता है जबकि बोली को बोलने के कोई नियम नहीं होते हैं.
# भाषा का व्याकरण होता है जबकि बोली का नहीं।
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