Correct Answer - Option 3 : वसुधा + एव
प्रश्न का हिन्दी अनुवाद - 'वसुधैव' इसका सन्धि विच्छेद करें -
स्पष्टीकरण - गद्यांश में उल्लिखित है - 'वसुधैव कुटुम्बकम्।' अर्थात् सम्पूर्ण पृथ्वी ही अपना परिवार है।
शब्द - वसुधैव
सन्धि विच्छेद - वसुधा + एव
सन्धि - वृद्धि सन्धि
सूत्र - वृद्धिरेचि
नियम -
- अ/आ + ए/ऐ = ऐ,
- अ/आ + ओ/औ = औ।
स्पष्टीकरण - यदि 'अ/आ' के सामने 'ए', 'ऐ' या 'ओ', 'औ' आते है, तब 'ए', 'ऐ' के स्थान पर 'ऐ' तथा 'ओ', 'औ' के स्थान पर 'औ' यह वृद्धि-परिवर्तन होगा।
‘वसुधैव’ में 'वसुधा' के ‘आ’ के बाद एव का ‘ए’ आने से द्वितीय पद के ‘ए’ के स्थान पर वृद्धि ‘ऐ' होता है।
उदाहरण -
- विद्या + एव = विद्यैव
- सदा + एव = सदैव
- मम + एक = ममैक
- जल + ओघः = जलौघः
- न + एके = नैके
- तत्र + एव = तत्रैव
अतः यह स्पष्ट होता है कि 'वसुधैव' का सन्धि - विच्छेद 'वसुधा + एव' होता है।
सन्धि:- दो शब्दों के संयोग से होने वाले परिवर्तन को सन्धि कहते हैं। जैसे- विद्या + आलय = विद्यालय।
सन्धि के प्रकार-
- स्वरसन्धि
- व्यंजनसन्धि
- विसर्गसन्धि
सन्धि
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परिभाषा
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उदाहरण
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स्वरसन्धि
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स्वर वर्ण का संयोग स्वर वर्ण से होने पर जो विकार उत्पन्न होता है।
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विद्या + आलय = विद्यालय
महा + औषधि = महौषधि
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व्यंजनसन्धि
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व्यंजन वर्ण का संयोग व्यंजन या स्वर वर्ण से होने पर जो विकार उत्पन्न होता है।
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उत् + लास = उल्लास
तत् + लय = तल्लयः
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विसर्गसन्धि
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विसर्ग का सन्योग स्वर या व्यंजन वर्ण से होने पर जो विकार उत्पन्न होता है।
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दुः + आत्मा = दुरात्मा
नमः + ते = नमस्ते
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