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विश्व में खनिज तेल उत्पादन के प्रमुख क्षेत्रों की विवेचना कीजिए। उसके महत्त्व तथा अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को भी बताइए। 

या

दक्षिणी-पश्चिमी एशिया में खनिज तेल के वितरण एवं उत्पादन का वर्णन कीजिए।

या

एशिया में पेट्रोलियम के वितरण, उत्पादन एवं अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का वर्णन कीजिए।

या

विश्व में खनिज तेल के वितरण एवं अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का विवरण प्रस्तुत कीजिए। 

या

खनिज तेल के उत्पादन, वितरण तथा विश्व व्यापार की विवेचना कीजिए।

या

विश्व में पेट्रोलियम के वितरण एवं उत्पादन का विवरण दीजिए। 

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खनिज तेल का महत्त्व Importance of Mineral Oil

ऊर्जा के संसाधनों में खनिज तेल का महत्त्व सर्वाधिक व्यापक है। कोयले की अपेक्षा इसमें ताप-शक्ति कई गुना अधिक होती है। युद्ध काल में खनिज तेल का महत्त्व और भी अधिक बढ़ जाता है। खनिज तेल का उपयोग निम्नलिखित कार्यों में किया जाता है –

⦁    खनिज तेल ईंधन के रूप में प्रयुक्त किया जाता है।
⦁    कारखानों एवं मिलों में इंजनों को चलाने के लिए, भट्टियों को ताप-शक्ति देने के लिए तथा ताप-विद्युत के उत्पादन में खनिज तेल प्रयोग किया जाता है।
⦁    मोटरगाड़ियों, रेलगाड़ियों, जलयानों एवं वायुयानों को चलाने के लिए खनिज तेल शक्तिसंसाधन के रूप में प्रयुक्त किया जाता है।
⦁    तेज गति से चलने वाली मशीनों के पुर्षों की ग्रीसिंग करने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।
⦁    कुछ रासायनिक उद्योगों में खनिज तेल कच्चे माल के रूप में प्रयुक्त किया जाता है। इससे निम्नलिखित प्रकार की वस्तुओं का उत्पादन किया जाता है –
⦁    कृत्रिम रबड़-टायर, ट्यूब, बैल्ट आदि
⦁    अनेक प्रकार के कृत्रिम रेशों का निर्माण
⦁    कृषि के लिए रासायनिक उर्वरकों का निर्माण
⦁    विभिन्न प्रकार के अन्य चिकने तेलों का निर्माण तथा
⦁    ओषधियों का निर्माण।

विश्व में खनिज तेल की संचित मात्रा एवं उत्पादन
Reserve Quantity and Production of Mineral Oil in the World

1. संचित मात्रा – विश्व में खनिज तेल के ज्ञात भण्डार सर्वाधिक फारस की खाड़ी के समीपवर्ती अर्थात् पश्चिमी एशियाई देशों में हैं, जिसे ‘मध्य-पूर्व’ (Middle-East) के नाम से पुकारा जाता है। यहाँ विश्व की 60% खनिज तेल की संचित राशि है। इसके समीप में ही रूस के तेल-भण्डार स्थित हैं। इस प्रकार कैस्पियन सागर, काला सागर, लाल सागर एवं फारस की खाड़ी से घिरा यह क्षेत्र विश्व के खनिज तेल भण्डार का सबसे प्रमुख क्षेत्र है। अन्य बड़े भण्डारों में संयुक्त राज्य, कैरेबियन सागरीय प्रदेश तथा उत्तरी अफ्रीका के अल्जीरिया एवं लीबिया देश हैं। इण्डोनेशिया, चीन, भारत, जापान, म्यांमार तथा ऑस्ट्रेलिया में भी तेल के छोटे-छोटे भण्डार विस्तृत हैं।

2. वार्षिक उत्पादन – विश्व के पेट्रोलियम उत्पादकों में सऊदी अरब, संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, ईरान, चीन, मैक्सिको, वेनेजुएला, नावें, ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत, कनाडा आदि क्रमशः स्थान रखते हैं। तेल के प्रमुख उत्पादक देशों का विवरण निम्नलिखित है –
मध्य-पूर्व एशिया के देश
Mid-East Asian Countries
खनिज तेल के उत्पादन ने फारस की खाड़ी के मरुस्थली एवं निर्धन देशों को सुखी एवं धनी बना दिया है। कुवैत का 100%, सऊदी अरब का 99%, ईरान का 85% तथा इराक का 90% निर्यात; खनिज तेल एवं उससे निर्मित पदार्थों पर आधारित है तथा अर्थव्यवस्था को प्रमुख आधार है। प्रमुख उत्पादक देश निम्नलिखित हैं –

(1) सऊदी अरब – खनिज तेल के ज्ञात भण्डारों में सऊदी अरब का विश्व में दूसरा स्थान है। तथा उत्पादन में प्रथम स्थान है। यहाँ विश्व का 13.28% पेट्रोलियम उत्पादन होता है। प्रमुख तेल-क्षेत्रों में धहरान, दम्माम, अबक्वैक, आइनेदार, कातिफ एवं घवर हैं, जो 5 लाख वर्ग किमी क्षेत्रफल में विस्तृत हैं। यहाँ का तेल रासतनूरा शोधनशाला में साफ किया जाता है तथा वहाँ से 1,700 किमी लम्बी पाइप लाइन द्वारा भूमध्यसागरीय तट पर स्थित लेबनान के पत्तन सिदोन को भेज दिया जाता है। तेल का उत्पादन अरब-अमेरिकन कम्पनियाँ करती हैं।

(2) ईरान-मध्य – पूर्व का सर्वप्रथम तेल-क्षेत्र 1904 ई० में ईरान में खोजा गया था। यह क्षेत्र फारस की खाड़ी के उत्तर में 600 किमी की दूरी पर स्थित है। सर्वप्रथम 1908 ई० में एंग्लो-ईरानियन कम्पनी ने तेल उत्पादन का कार्य आरम्भ किया था। मस्जिदे-सुलेमान तेल उत्पादन का प्रमुख क्षेत्र है। अन्य क्षेत्रों में नफ्तेशाह, कर्मनशाह, लाली, गाचसरन, कुम, हफ्तकेल, आगाजरी, नफ्दसफीद एवं खानकिन मुख्य हैं। अबादान एवं कर्मनशाह यहाँ की प्रमुख शोधनशालाएँ हैं। अबादान में विश्व की सबसे बड़ी शोधनाला है। ईरान विश्व का चौथा बड़ा तेल उत्पादक देश है। यहाँ विश्व का 4.77% पेट्रोलियम उत्पादन होता है।

(3) इराक – इराक के प्रमुख तेल-क्षेत्र उत्तरी भाग में 112 किमी लम्बी पेटी में किरकुक तथा मोसुल के समीपवर्ती भागों-किरकुक, नफ्तखान, बुटमाह, बसरा, जुबैर एवं रूमाइला- में हैं। यहाँ के तेल को पाइप लाइन द्वारा त्रिपोली (लेबनान) एवं बनियास (सीरिया) को भेजा जाता है। दक्षिण में जुबैर क्षेत्र से पाइप लाइन द्वारा तेल फारस की खाड़ी पर स्थित फाओ पत्तन को भेज दिया जाता है जहाँ से तेल का विदेशों को निर्यात किया जाता है। यहाँ विश्व का 3.75% पेट्रोलियम उत्पादन होता है।

(4) संयुक्त अरब अमीरात – इस तटीय पेटी में तेल का वार्षिक उत्पादन लगभग 10 करोड़ मीटरी टन है जो विश्व के उत्पादन का 3.32% है।

(5) कुवैत – कुवैत एक छोटा-सा देश है, परन्तु यहाँ विश्व का तीसरा प्रमुख तेल भण्डार है। यहाँ विश्व का 2.96% पेट्रोलियम उत्पादन होता है। यहाँ से तेल का उत्पादन सन् 1946 से प्रारम्भ किया गया था। प्रमुख उत्पादक क्षेत्र बुरघान, अलअहमदी, सर्विया तथा गिनागिश हैं। अलअहमदी में तेल-शोधनशाला स्थापित की गयी है। कुवैत पत्तन से तेल का निर्यात किया जाता है।

(6) ओमान – ओमान में ट्रशियल का वार्षिक उत्पादन लगभग 3 करोड़ मीटरी टन तथा न्यूट्रल जोन का वार्षिक उत्पादन 25 करोड़ मीटरी टन है।

(7) बहरीन दीप – यहाँ तेल का उत्पादन 1934 ई० से प्रारम्भ किया गया था तथा इसका वार्षिक उत्पादन लगभग 1 करोड़ मीटरी टन है।

(8) कतर – यहाँ पर तेल का उत्पादन 1948 ई० से प्रारम्भ किया गया था। इसका वार्षिक उत्पादन लगभग 1 करोड़ मीटरी टन है।

(9) संयुक्त अरब गणराज्य (मिस्र) – मिस्र में लाल सागर तटीय पेटी में हुरघदा एवं रास-गरीब प्रमुख तेल उत्पादक क्षेत्र हैं। इनका वार्षिक उत्पादन 4.6 करोड़ मीटरी टन है। तेल का शोधन स्वेज पत्तन की शोधनशाला में किया जाता है।

रूस Russia

रूस विश्व का दूसरा प्रमुख तेल उत्पादक देश है। यहाँ 30 करोड़ मीटरी टन वार्षिक उत्पादन होता है, जो विश्व के कुल उत्पादन का 12.65% है। रूस में अवसादी शैलों का विस्तार काकेशस प्रदेश से आर्कटिक सागर तक है। यहाँ पर प्रमुख तेल-क्षेत्र निम्नलिखित हैं –

1. वोल्गा-यूराल क्षेत्र – सन् 1950 के बाद से इस क्षेत्र का तेल उत्पादन में प्रथम स्थान है। रूस के तेल उत्पादन का 75% इसी क्षेत्र से प्राप्त होता है। मास्को के पूर्व में इस तेल-क्षेत्र का विस्तार वोल्गा नदी एवं यूराल पर्वत के मध्य में है। इस क्षेत्र को द्वितीय बाकू के नाम से पुकारा जाता है। पर्म, उफा तथा कुईबाईशेव इस क्षेत्र के प्रमुख तेल उत्पादक केन्द्र हैं। देश के अधिकांश क्षेत्र को तेल की आपूर्ति इसी क्षेत्र से की जाती है। यहाँ से 3,700 किमी लम्बी पाइप लाइन इटस्क को तेल ले जाती है जो विश्व की सबसे लम्बी पाइप लाइन है।

2. बाकू क्षेत्र – इसे काकेशस तेल-क्षेत्र भी कहते हैं। बाकू, माकचकाला, ग्रोझनी, माइकोप, रकूशा एवं कौसाहागिल प्रमुख तेल उत्पादक केन्द्र हैं। यहाँ से पाइप लाइन द्वारा तेल बातूम, तुआपसे, त्रुदोक्या. एवं ओर्क शोधनकेन्द्रों को भेजा जाता है। सन् 1950 से पहले इसका उत्पादन में प्रथम स्थान था जो इस समय द्वितीय स्थान पर आ गया है।

3. अन्य क्षेत्र – अन्य मुख्य क्षेत्र इस प्रकार हैं-

⦁    ऐम्बा क्षेत्र
⦁    पश्चिमी तुर्कमान क्षेत्र (नेबितदाग, कुमदाग, चेलेकिन आदि)
⦁    मैंगिशलाक प्रायद्वीप
⦁    बोरिस्लाव
⦁    सखालीन द्वीप
⦁    पेचोरा क्षेत्र
⦁    फरगना घाटी क्षेत्र एवं
⦁    पश्चिमी साइबेरिया में ओबे और यनीसी नदियों के बेसिन (भण्डारों का निर्धारण अभी तक नहीं हो पाया है)।

रूस अपनी आवश्यकता को पूरा करने के बाद पूर्वी यूरोप के मित्रराष्ट्रों को खनिज तेल निर्यात कर रहा है। वार्षिक उत्पादन के विचार से इसका विश्व में तीसरा स्थान है।

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संयुक्त राज्य अमेरिका
United State of America

खनिज तेल के उत्पादन में संयुक्त राज्य का विश्व में तीसरा स्थान है। यहाँ तेल का वार्षिक उत्पादन लगभग 32 करोड़ मीटरी टन है जो विश्व के कुल उत्पादन का लगभग 10.74% है। तेल के उत्पादन में अग्रलिखित क्षेत्र मुख्य स्थान रखते हैं –

⦁    टेक्सास क्षेत्र – इसके अन्तर्गत टेक्सास, दे०-१० अरकन्सास एवं प० लुजियानी राज्य सम्मिलित हैं। टेक्सास एवं मध्य महाद्वीपीय क्षेत्र, दोनों मिलकर संयुक्त राज्य का 60% खनिज तेल उत्पन्न करते हैं।

⦁    गल्फतटीय क्षेत्र – इस क्षेत्र में लुजियाना, मिसीसिपी, टेक्सास, अलबामा तथा फ्लोरिडा राज्यों के भाग सम्मिलित हैं। तेल के उत्पादन में यह दूसरा स्थान रखता है।

⦁    कैलीफोर्निया क्षेत्र – यह तेल के उत्पादन का तीसरा प्रमुख क्षेत्र है। हंटिंगटने-बीच, लौंग-बीच, सान्ताफे-स्प्रिंग्स प्रमुख उत्पादक केन्द्र हैं।

⦁    मध्य महाद्वीपीय क्षेत्र – इस क्षेत्र का विस्तार पश्चिमी टेक्सास, ओक्लोहामा एवं द०-पू० कन्सास राज्यों में है।

⦁    इण्डियाना तेल-क्षेत्र – दक्षिणी इलीनॉयस एवं दक्षिणी इण्डियाना राज्यों में विस्तृत यह तेल क्षेत्र संयुक्त राज्य का 5% तेल उत्पन्न करता है।

⦁    रॉकी तेल-क्षेत्र – यहाँ पर केवल 3% खनिज तेल का उत्पादन होता है। यह औद्योगिक केन्द्रों से दूर पड़ने के कारण विकसित नहीं हो पाया है। भविष्य में यहाँ तेल के बड़े भण्डार मिलने की सम्भावना व्यक्त की गयी है।

⦁    अप्लेशियन तेल-क्षेत्र – प्रारम्भ में इसी तेल-क्षेत्र का विकास किया गया था। अधिक शोषण कर लिये जाने के कारण इसका तेल समाप्ति की ओर अग्रसर है। यहाँ केवल 1% तेल का उत्पादन ही होता है।

अन्य देशों में खनिज तेल का उत्पादन
Production of Mineral Oil in Other Countries

इण्डोनेशिया – इण्डोनेशिया के प्रमुख उत्पादक सुमात्रा, बोर्नियो, जावा एवं सारावक द्वीप हैं। कुछ तेल सेलेबीज द्वीप से भी निकाला जाता है। इसकी विशेष सुविधा यह है कि यह दक्षिण-पूर्वी एशिया के सघन जनसंख्या वाले देशों-भारत, जापान, बांग्लादेश आदि के समीप स्थित है, जहाँ तेल की माँग अधिक है।

चीन – विश्व के तेल उत्पादन में चीन का पाँचवाँ स्थान है, जहाँ विश्व का 4.56% तेल उत्पन्न किया जाता है। चीन में तेल के प्रमुख भण्डार निम्नलिखित हैं –

⦁    कान्सू
⦁    जंगेरिया
⦁    जेचवान बेसिन
⦁    सैदाम बेसिन
⦁    यूमेन
⦁    औंसी तथा
⦁    कारामाई।

भारत – भारत के खनिज तेल-क्षेत्रों का विवरण निम्नलिखित है –

(अ) असम में लखीमपुर क्षेत्र –

⦁    डिगबोई (माकूम क्षेत्र)
⦁    नांहर-कटिया
⦁    रीजन-मोरेन
⦁    बप्पापयॉग एवं
⦁    हस्सापाँग क्षेत्र।

(ब) असम में सुरमा घाटी क्षेत्र –

⦁    बदरपुर
⦁    मसीमपुर एवं
⦁    पथरिया क्षेत्र।

(स) गुजरात –

⦁    खम्भात की खाड़ी में लुनेज क्षेत्र,
⦁    अंकलेश्वर क्षेत्र एवं
⦁    कलोल क्षेत्र।

(द) बॉम्बे हाई तेल-क्षेत्र (अरब सागर में)।

(य) तमिलनाडु के समीप पुदुचेरी तेल-क्षेत्र।

(र) पंजाब का ज्वालामुखी-क्षेत्र।

भारत में भू – वैज्ञानिकों द्वारा नये तेल-क्षेत्रों की खोज का कार्य किया जा रहा है। विशेष रूप से कच्छ के प्रायद्वीपीय क्षेत्र, कोरोमण्डल, पश्चिम बंगाल एवं नदियों की घाटियों में तेल मिलने की सम्भावनाएँ व्यक्त की गयी हैं।

म्यांमार – इस देश में इरावदी नदी की घाटी में तेल के भण्डार पाये जाते हैं। पेनांगयांग, सिंगू, येनांगयात एवं अक्याब प्रमुख उत्पादक क्षेत्र हैं।

खनिज तेल का विश्व-व्यापार
World Trade of Mineral Oil

खनिज तेल का अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में महत्त्वपूर्ण स्थान है, क्योंकि इसका उत्पादन कुछ सीमित देशों द्वारा किया जाता है, जब कि उपभोग लगभग सभी देशों द्वारा किया जाता है।

आयातक देश – तेल के प्रमुख आयातक विकसित देशों में सं० रा० अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, बेल्जियम, नीदरलैण्ड, ऑस्ट्रिया, इटली, चीन, जापान, भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान, कोरिया, वियतनाम, श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिणी एवं मध्य अफ्रीकी देश प्रमुख हैं।
निर्यातक देश – तेल के प्रमुख निर्यातक देश सऊदी अरब, रूस, ईरान, इराक, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, बहरीन, ओमान, वेनेजुएला, कोलम्बिया, लीबिया, अफ्रीका एवं इण्डोनेशिया हैं।

प० यूरोप में ब्रिटेन, नीदरलैण्ड आदि देश कच्चे तेल का आयात कर और उसे अपनी शोधनशालाओं में साफ कर पेट्रोलियम पदार्थ विदेशों को निर्यात करते हैं।

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