चेरापूंजी, मेघालय राज्य में एक ऐसी घाटी की तलहटी में स्थित है जो तीन ओर से गारो, खासी तथा जयन्तिया की पहाड़ियों से घिरा है। बंगाल की खाड़ी के मानसून की एक शाखा उत्तर तथा उत्तर-पूर्व दिशा में ब्रह्मपुत्र की घाटी की ओर बढ़ जाती है। इससे उत्तर-पूर्वी भारत में अत्यधिक वर्षा होती है। इसकी एक उपशाखा मेघालय स्थित गारो, खासी और जयन्तिया की पहाड़ियों से टकराती है। इन पहाड़ियों के दक्षिण भाग में चेरापूंजी स्थिति है। अतः स्थलाकृति की दृष्टि से विशिष्ट स्थिति तथा पवनों की दिशा के कारण चेरापूँजी संसार का अत्यधिक वर्षा वाला स्थान बन गया है। यहाँ की वार्षिक वर्षा का औसत 1,200 सेमी से भी अधिक है। यहाँ 2,250 सेमी तक वर्षा हो चुकी है। अब चेरापूंजी के समीप (मात्र 16 किमी की दूरी पर) मॉसिनराम गाँव में सर्वाधिक वर्षा (1,354 सेमी) होती है।