भूगोल के विद्यार्थी अनेक प्रकार के मानचित्रों का प्रयोग करते हैं। मानचित्रों का वर्गीकरण उनके मापक, रचना एवं उद्देश्य के आधार पर निम्नलिखित प्रकार से किया जा सकता है
(क) मापक के अनुसार मानचित्र के भेद
मापक के आधार पर मानचित्रों को निम्नलिखित चार भागों में बाँटकर दो समूहों में रखा जा सकता है
⦁ भू-कर, मानचित्र (Cadastral Map)
⦁ भूपत्रक मानचित्र (Topographical Map)
⦁ दीवार मानचित्र (Wall Map)
⦁ एटलस मानचित्र (Atlas or Chorographical Map)
1. दीर्घ मापक मानचित्र-ये मानचित्र बड़े मापक पर निर्मित किए जाते हैं। इनका निर्माण मानचित्रों | में विस्तृत विवरण प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है। इनमें 1 सेमी = 1 किमी तक की दूरी प्रकट की जाती है। भू-कर मानचित्र (Cadastral Map) तथा स्थलाकृतिक मानचित्र (Topographical Map) इसी श्रेणी में सम्मिलित हैं।
2. लघु मापक मानचित्र-ये मानचित्र छोटे मापक पर निर्मित किए जाते हैं। इनका निर्माण विशाल क्षेत्र में सीमित विवरण प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है। इनका मापक 1 सेमी = 1,000 किमी या इससे भी अधिक हो सकता है। मानचित्रावली मानचित्र (Atlas Map) तथा दीवार मानचित्र (Wall Map) इसी प्रकार के मानचित्र होते हैं।
(ख) उद्देश्य के अनुसार मानचित्र के भेद
उद्देश्य के आधार पर मानचित्रों को निम्नलिखित भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है
⦁ प्राकृतिक या उच्चावच मानचित्र
⦁ भू-तात्त्विक मानचित्र
⦁ जलवायु मानचित्र
⦁ वनस्पति मानचित्र
⦁ यातायात मानचित्र
⦁ सांस्कृतिक मानचित्र
⦁ जनसंख्या मानचित्र
⦁ आर्थिक मानचित्र
⦁ भाषा मानचित्र
⦁ जाति मानचित्र
⦁ अन्तर्राष्ट्रीय मानचित्र
⦁ वितरण मानचित्र
⦁ राजनीतिक मानचित्र
⦁ खगोल मानचित्र
⦁ भूगर्भिक मानचित्र